नए चेहरों के जरिये दूसरी पंक्ति के नेता तैयार करने की रणनीति : कांग्रेस
प्रदेश कार्यकारिणी में ज्यादातर पूर्व विधायक, पूर्व सांसद सहित अन्य वरिष्ठ नेताओं को शामिल नहीं किया गया है। पार्टी सूत्रों का कहना है कि जल्द ही कार्यकारिणी सदस्य के रूप में दूसरी सूची भी जारी हो सकती है। इसमें वरिष्ठ नेताओं को शामिल किया जाएगा।
लखनऊ, (आरएनआई) कांग्रेस की प्रदेश कार्यकारिणी में उदयपुर चिंतन शिविर की छाप स्पष्ट रूप से दिखाई पड़ रही है। पार्टी की सोची गई रणनीति के मुताबिक प्रदेश कार्यकारिणी में युवा चेहरों को शामिल कर दूसरी पंक्ति के नेताओं की लीडरशिप तैयार करने का प्रयास किया जा रहा है। यही वजह है कि प्रदेश कार्यकारिणी में शामिल 28 पदाधिकारी 40 साल से कम उम्र के हैं।
कार्यकारिणी में 60 साल से अधिक उम्र के पूर्व विधायकों सहित सिर्फ 14 नेता हैं। इनमें हर प्रकाश अग्निहोत्री, कौशलेंद्र यादव आदि लगातार सक्रिय रहे हैं। इसी तरह कार्यकारिणी में उन युवा चेहरों को भी शामिल किया गया है, जो विभिन्न मुद्दों पर बेबाकी से अपनी राय रखते रहे हैं और भीड़ को जोड़ने में माहिर हैं।
प्रदेश अध्यक्ष अजय राय का कहना है कि कार्यकारिणी में ऐसे लोगों को शामिल किया गया है, जिनमें भविष्य की सियासी संभावना दिखती है। हर जाति, वर्ग को उसकी हिस्सेदारी के मुताबिक भागीदारी दी गई है।
प्रदेश कार्यकारिणी में सपा को छोड़कर आने वाले तमाम नेताओं को भी जिम्मेदारी सौंपी गई है। दलित, अल्पसंख्यकों के साथ ही ओबीसी वर्ग के 44 नेताओं में सात निषाद-बिंद, सात यादव और सात कुर्मी को शामिल कर सियासी संदेश दिया गया है। तीन पाल और तीन लोधी, चार जाट को भी जगह मिली है।
कार्यकारिणी में दूसरे दलों से आए नेताओं को शामिल किया गया है। इसमें अर्चना राठौर, पूर्वी पटेल, अहमद हमीद कोकब, राकेश राठौर, अजीत यादव आदि शामिल हैं। कार्यकारिणी में पहले से शामिल रहे सोहिल अंसारी, विश्वविजय सिंह, मुकेश सिंह चौहान, कौशलेंद्र यादव, दिनेश कुमार सिंह, प्रेम प्रकाश अग्रवाल, संजीव दरियाबादी, आलोक प्रसाद, मनींद्र मिश्रा, ओमवीर सिंह आदि को शामिल किया गया है।
प्रदेश कार्यकारिणी में ज्यादातर पूर्व विधायक, पूर्व सांसद सहित अन्य वरिष्ठ नेताओं को शामिल नहीं किया गया है। पार्टी सूत्रों का कहना है कि जल्द ही कार्यकारिणी सदस्य के रूप में दूसरी सूची भी जारी हो सकती है। इसमें वरिष्ठ नेताओं को शामिल किया जाएगा। इससे पहले अजय कुमार लल्लू की कमेटी में सिर्फ 45 लोग शामिल थे, जबकि अन्य पूर्व अध्यक्षों के कार्यकाल में यह संख्या करीब 500 तक पहुंचती रही है।
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