नई दिल्ली डकैती कांड का फरार आरोपित मध्‍य प्रदेश के गुना में गिरफ्तार

Mar 6, 2023 - 16:27
Mar 6, 2023 - 16:27
 0  1.8k
नई दिल्ली डकैती कांड का फरार आरोपित मध्‍य प्रदेश के गुना में गिरफ्तार

गुना। दिल्ली के थाना डिफेंस कॉलोनी क्षेत्र में आनंद लोक की कोठी नंबर 29 में पिछले साल 30 अप्रैल को डाली गई डकैती निर्णायक सिद्ध होने वाली है। सूत्रों के मुताबिक इस कांड को मौके पर अंजाम देने वाली "टीम ए" में शामिल रॉकी और उसके साथी गिर्राज पारदी को भी बीती रात दिल्ली पुलिस उठा ले गई। 

इससे पहले दिल्ली पुलिस के हत्थे चढ़ा गिरोह का एक सदस्य राजा पारदी पहली बार ऑन रिकॉर्ड वो रहस्य उगल चुका है जिसे ऑफ रिकॉर्ड पूरा महकमा और प्रदेश 15 सालों से जानता था। दो दिन पहले ही हमें "टीम ए" के ही एक अन्य सदस्य बाबा उर्फ जालम पारदी की मुठभेड़ में गिरफ्तारी की फिल्मी कहानी पढ़ने को मिली थी। इस तरह की कहानी की स्क्रिप्ट फिर से लिखी जाती इससे पहले ही दिल्ली पुलिस ने रॉकी और गिर्राज को उठा लिया। 

दरअसल, दिल्ली में केंद्र की मोदी सरकार की पुलिस है। जिसने इस डकैती को चुनौती के रूप में लिया। यह डकैती वैसे तो 4 करोड़ की बताई जा रही है, लेकिन असल में चुराई गई ज्वेलरी, प्लेटिनम के हीरे जड़े हार, विदेशी घड़ियां आदि का अंतर्राष्ट्रीय मूल्य कई गुना अधिक है। चर्चा है कि एक एक हीरा एक एक करोड़ का है। दिल्ली पुलिस को जैसे ही इनपुट मिला कि डकैती डालने वाले गुना जिले के कुख्यात पारदी हैं, वैसे ही दिल्ली पुलिस की टीमें गुना आ गईं थीं। 

सूत्र बताते हैं कि शुरुआत में गंगाधर ने शक्तिमान बन कर दिल्ली पुलिस के लोगों को अपने जाल में उलझाने की कोशिश की। अफवाह यहां तक उड़ी कि एक होटल में कुछ डील हुई, और वहां के सीसीटीवी फुटेज डिलीट कर दिए गए। लेकिन इस केस को लेकर बने सेंट्रल होम मिनिस्ट्री के दबाव के बीच दिल्ली पुलिस के बड़े अफसर किसी और मूड में हैं। सब कुछ ठीक रहा तो इस बार रात के गंगाधर के ही दिन में शक्तिमान बन जाने का राज भी ऑन रिकॉर्ड खुल जाएगा। 

दिल्ली पुलिस के अफसरों ने इस केस में मातहतों के भरोसे रहने के बजाए साउथ दिल्ली की तेज तर्रार डीसीपी बेनिता मैरी जयकर को केस की कमान सौंपी थी। जिन्होंने गुना में कदम रखते ही समझ लिया कि असल माजरा क्या है। इसके बाद गुना पुलिस, खासकर थाना धरनावदा और चौकी झागर के पुलिस स्टाफ से सारी जानकारी शेयर करने के बजाए दिल्ली पुलिस ने खुद ही मोर्चा संहाला और उसके ड्रोन धरनावदा क्षेत्र के पारदी बहुल इलाकों में अपराधियों की तलाश में उड़ान भरने लगे। 

चूंकि 8 साल पहले गुना के साइबर सेल से सीडीआर के लैपटॉप पारदियों द्वारा चोरी कर लिए जाने की घटना जगजाहिर है। इसलिए केस से जुड़े संदिग्धों के मोबाइल की सीडीआर भी दिल्ली पुलिस ने खुद ही खंगाली। लगातार प्रयासों से डकैती की असल कहानी और उसके किरदार भी सामने आने लगे। पहले तीन आरोपी धरे गए। फिर जून 2022 में साउथ दिल्ली की एएटीएस और नारकोटिक्स टीम ने रामगोपाल, लखन, राजेश और घनश्याम नाम के चार और आरोपी पकड़े। 

(रामगोपाल को गंगाधर का सबसे खास आदमी माना जाता है। सूत्रों के मुताबिक ये सभी डकैती के उद्योग में लगने वाली "टीम बी" के सदस्य हैं।) 

एनबीटी की खबरों के मुताबिक दिल्ली पुलिस ने इनके पास से आनंद लोक से लूटी गई ज्वैलरी में से 60 ग्राम ज्वैलरी भी बरामद की। इनसे पूछताछ में पुलिस को पता चला कि यह लोग तो गिरोह में नए लड़कों को शामिल कर उन्हें लूट और डकैती डालने की ट्रेनिंग देते हैं। फिर लूटे गए माल में से 10 से 15 फीसदी कमिशन के तौर पर अपने पास रखते हैं। बाकी हिस्सा वारदात करने वाली टीम ए के बदमाशों और मास्टर माइंड का होता है। 

कोठी में डकैती डालने का काम 'पारदी गैंग' की "टीम ए" के जिन मुख्य आठ बदमाशों ने किया था वो सभी टीम बी के सदस्यों के पकड़े जाने तक फरार थे। इधर कानूनी कमजोरियों का फायदा उठाकर टीम बी के सदस्य जमानत पर छूट आए। लेकिन तब तक दिल्ली पुलिस के रडार पर टीम ए के असल आठ बदमाशों की लोकेशन आ चुकी थी। इधर 2022 के आखिरी में गंगाधर का बुरा समय शुरू हुआ वह खुद अपने पुराने चमत्कारों के चलते मुश्किल में आ गया। 

सूत्रों से मिले ताजा समाचार के मुताबिक दिल्ली पुलिस डकैती के मास्टर माइंड के साथ साथ "टीम ए" के बाकी बदमाशों की टोह में गुना में ही डेरा डाले थी। जैसे ही अन्य फरार बदमाश अपने खैरख्वाहों की सर परस्ती में हाजिर होने की मुठभेड़ी कहानी बनवा पाते उससे पहले ही बीते रोज उनमें से दो बदमाशों को दिल्ली की पुलिस ने दबोच लिया, और रवाना हो गई। 

थ्रिल, सस्पेंस, सीक्रेट से भरी इस कहानी के मजदूर तो एक एक कर धरे हो रहे हैं लेकिन अहम किरदार अभी भी बचे हैं। अब जबकि सबको सब पता चल ही रहा है तो फिर से गुना के ग्राम जैतपुरा, शहर के प्रसिद्ध सीए ब्रजेश अग्रवाल, ग्राम कुम्हारी में डली डकैती और फिर खुरई में धर्मेंद्र सेठ के घर पड़ी डकैती की याद भी ताजा हो गई है। महकमे के सूत्र इन्हें लेकर दबी जुबान बहुत कुछ बताते हैं कि कैसे इन केसों को लीपा गया था।

चर्चा है कि इनमें से एक केस में दौराने वारदात गंगाधर की "टीम ए" से 57 बार बात हुई थी जबकि दूसरे में गंगाधर खुद ही गाड़ी में माल धर कर लाया था। इन चर्चाओं की सच्चाई तो तभी सामने आएगी जब सीबीआई या एनआईए जैसी हाई पावर इन्वेस्टिगेशन एजेंसी इन और पारदी गिरोह से जुड़े देश भर के ऐसे अन्य मामलों की जांच करेगी। कारण कि इनमें से अधिकांश में आरोपी बरी हो गए हैं और फरियादी को चोरी गया उसका असल माल नहीं मिला है।

What's Your Reaction?

Like Like 0
Dislike Dislike 0
Love Love 0
Funny Funny 0
Angry Angry 0
Sad Sad 0
Wow Wow 0