धूमधाम से मनाया गया भागवत भूषण श्रील ब्रह्मर्षि वृन्दावन बिहारी मिश्र महाराज (बिन्दुजी) का 20वां पुण्य तिथि महोत्सव
डॉ. गोपाल चतुर्वेदी

वृन्दावन (आरएनआई) प्रताप बाजार स्थित प्राचीन शाहजहांपुर मंदिर में श्रीहित उत्सव चैरिटेबल ट्रस्ट (रजि.) के द्वारा भागवत भूषण श्रील ब्रह्मर्षि वृन्दावन बिहारी मिश्र महाराज (बिन्दुजी) का 20वां पुण्य तिथि महोत्सव अत्यंत श्रद्धा एवं धूमधाम के साथ मनाया गया।जिसके अंतर्गत उनके चित्रपट का पूजन-अर्चन कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की गई।
इस अवसर पर आयोजित संत-विद्वत संगोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए गौडीय संप्रदाय के प्रकांड विद्वान आचार्य अच्युतलाल भट्ट महाराज एवं आचार्य पुरुषोत्तम शरण शास्त्री (शास्त्रार्थ महारथी) ने कहा कि ब्रह्मर्षि वृन्दावन बिहारी मिश्र महाराज (बिन्दुजी) ज्योतिष और कर्मकांड के भी मर्मज्ञ थे।उन्होंने श्रीमद्भागवत सार पचासा, बांके बिहारी विनय पचासा, राधावल्लभ विनय पचासा, ज्योतिष सार पचासा, वृन्दावन वैभव दर्शन, वृन्दावन धाम पचासा, श्रीमद्भागवत पूजन पद्धति आदि लगभग 20 ग्रंथों की रचना की।
प्रख्यात साहित्यकार डॉ गोपाल चतुर्वेदी एवं ब्रजभूमि कल्याण परिषद् के राष्ट्रीय अध्यक्ष पण्डित बिहारीलाल वशिष्ठ ने कहा कि ब्रह्मर्षि वृन्दावन बिहारी मिश्र महाराज (बिन्दुजी) नित्य प्रति प्रातःकाल यमुना महारानी का पूजन अर्चन कर बिना शंख के शंख ध्वनि किया करते थे।उन्होंने अपने जीवन काल में असंख्य ब्राह्मण बालकों को श्रीमद्भागवत महापुराण व अन्य धर्मग्रंथों की निःशुल्क शिक्षा प्रदान की।
भागवताचार्य गोपाल भैया महाराज एवं आचार्य करुणा शंकर त्रिवेदी ने कहा कि ब्रह्मर्षि वृन्दावन बिहारी मिश्र महाराज (बिन्दुजी) श्रीधाम वृन्दावन की बहुमूल्य विभूति थे।उनके द्वारा जो ग्रंथ लिखे गए हैं उन्हें वर्तमान पीढ़ी को आत्मसात करना चाहिए,जिससे उनका कल्याण हो सके।
प्रख्यात भागवताचार्य श्रीहित ललित वल्लभ नागार्च एवं आचार्य विवेक भारद्वाज ने कहा कि हमारे सदगुरुदेव ब्रह्मर्षि वृन्दावन बिहारी मिश्र महाराज (बिन्दुजी) श्रीमद्भागवत महापुराण के प्रकांड विद्वान थे। समूचे देश के अलावा श्रीधाम वृन्दावन के लोगों में उनकी कथाओं को लेकर का इतना उत्साह था, कि कई कई वर्षों तक उन्हें वृन्दावन से बाहर जाने का समय नहीं मिलता था।
इस अवसर पर पण्डित श्याम सुन्दर ब्रजवासी (चारधाम वाले), युवा साहित्यकार डॉ. राधाकांत शर्मा, हितवल्लभ नागार्च, पण्डित श्याम बिहारी चतुर्वेदी, आचार्य मनीष शुक्ला, शाहजहांपुर मंदिर के सेवायत आचार्य चैनकिशोर गोस्वामी, कृष्णकांत गोस्वामी, प्रेमकिशोर गोस्वामी आदि के अलावा विभिन्न क्षेत्रों के तमाम गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।संचालन डॉ. गोपाल चतुर्वेदी ने किया।महोत्सव में पधारे सभी आगंतुक अतिथियों का श्रीहित ललित वल्लभ नागार्च व आचार्य विवेक भारद्वाज ने माल्यार्पण और ठाकुरजी का प्रसादी भेंट कर स्वागत किया।
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