धर्मस्थलों के सर्वे की मांग वाली याचिकाओं पर रोक के लिए सुप्रीम कोर्ट पहुंची कांग्रेस
याचिकाकर्ताओं ने मथुरा, वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद, अजमेर शरीफ, मध्य प्रदेश में धार और उत्तर प्रदेश में संभल में मस्जिदों और धर्मस्थलों का सर्वेक्षण करने के लिए जारी आदेशों की वैधता पर सवाल उठाए हैं।
नई दिल्ली (आरएनआई) धार्मिक स्थलों के सर्वेक्षण पर रोक की मांग वाली याचिकाओं पर रोक के लिए कांग्रेस ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। कांग्रेस नेता आलोक शर्मा व प्रिया मिश्रा ने शीर्ष कोर्ट से गुहार लगाई कि देशभर की अदालतों को ऐसी याचिकाओं पर विचार न करने का निर्देश दिया जाए। कांग्रेस नेताओं ने कहा कि राज्यों को भी उपासना स्थल (विशेष प्रावधान) अधिनियम, 1991 के प्रावधानों का अनुपालन का निर्देश जारी किया जाए।
इसमें यह भी कहा गया कि राज्यों को धार्मिक संरचनाओं या मस्जिदों के सर्वेक्षण पर न्यायालयों के किसी भी आदेश का पालन न करने का निर्देश जारी किया जाए। याचिकाकर्ताओं ने मथुरा, वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद, अजमेर शरीफ, मध्य प्रदेश में धार और उत्तर प्रदेश में संभल में मस्जिदों और धर्मस्थलों का सर्वेक्षण करने के लिए जारी आदेशों की वैधता पर सवाल उठाए हैं।
वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद से संबंधित एक याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने 13 अक्तूबर 2023 को कहा था कि वहां पूजा करने के अधिकार के लिए दायर किया गया मुकदमा पूजा स्थल अधिनियम, 1991 के तहत प्रतिबंधित है या नहीं, यह 15 अगस्त 1947 को ढांचे की प्रकृति और स्थिति पर निर्भर करेगा। कानून के तहत 15 अगस्त 1947 इसकी कट ऑफ तिथि है।
11 जुलाई 2023 को इस अधिनियम की वैधता पर सवाल उठाने वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि वह धार्मिक स्थलों से संबंधित विभिन्न अदालतों के समक्ष कार्यवाही पर पूरी तरह रोक नहीं लगा सकता। इस कानून में धार्मिक स्थलों की 15 अगस्त, 1947 को प्रचलित स्थिति बनाए रखने का आदेश दिया गया था।
Follow RNI News Channel on WhatsApp: https://whatsapp.com/channel/0029VaBPp7rK5cD6XB2
What's Your Reaction?