धर्म और संस्कृति की रक्षा में कोई समझौता ना करे : भार्गव
गुना (आरएनआई) हम नमन करते हैं उन साहिबजादो को जिन्होंने देश और धर्म की रक्षा के लिए सर्वोच्च उत्कर्ष अपने प्राणों की आहुति दी किंतु अपना निज धर्म नही बदला उनके निडर साहिबजादो जोरावर सिंह और फतेहसिंह के स्वाभिमान और बलिदान से हमें अपनी धर्म और संस्कृति की रक्षा की प्रेरणा हमेशा मिलती रहेगी हम भी धर्म और संस्कृति की रक्षा के लिए कोई भी समझौता न करें। उक्त उदगार राष्ट्रीय वीर बाल दिवस पर शासकीय माध्यमिक विद्यालय पुरानी छावनी गुना में मुख्य वक्ता के रूप में अनिल भार्गव ने व्यक्त किये।
कार्यक्रम का प्रारंभ अध्यक्षता कर रहे सुरेंद्र सिंह चौहान तथा मुख्य अतिथि रामकृष्ण शर्मा ,सचिन शर्मा द्वारा मां सरस्वती एवं भारत माता के पूजन से किया।
अतिथियो सुरेंद्र सिंह चौहान तथा रामकृष्ण शर्मा ने भी अपने विचार व्यक्त करते हुए मुगल काल में सनातन संस्कृति पर किए गए हमले उनकी क्रूरता और विदेशी आक्रांताओं द्वारा भारत के मान बिंदुओं को नष्ट करने की जानकारी देते हुए छात्रों को भी विषम परिस्थियोयो में साहस और धैर्य बनाए रखने का आव्हान किया।
मुख्य वक्ता अनिल भार्गव ने 1704 में सिक्ख समाज के दसवें गुरु गोविंद सिंह जी और माता गुजरी देवी के परिवार के शोर्य,पराक्रम और त्याग की जानकारी देते हुए 1704 में हुए चमकोर और सरहिंद के युद्ध की विभीषिका को भी बताया।
अंत में कार्यक्रम का आभार लक्ष्मी कांत शर्मा ने तथा सभा का संचालन मोनिका रघुवंशी ने किया इस अवसर पर अतुल माथुर,राजेंद्र जैन, विपिन जैन,वंदना समधिया,वंदना साहू ,प्रिया गौर,चंद्रेश जैन,रजिया बेगम,उषा शर्मा, पूनम कुशवाह,रचना श्रीवास्तव,सीमा रघुवंशी, सहित विद्यालय के छात्र उपस्थित रहे। छात्रों को स्वल्पाहार से कार्यक्रम का समापन किया ।
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