द्वितीय दिवस : 24 कुण्डीय गायत्री महायज्ञ में उमड़ा जन समूह
खिरकिया (आरएनआई) अखिल विश्व गायत्री परिवार शांतिकुंज हरिद्वार के तत्वावधान में संपन्न हो रहे 24 कुंडीय गायत्री महायज्ञ में धर्मप्रेमी बड़ी संख्या में उपस्थित हुए।आस्था के आगे मौसम का असर बेअसर हो गया और देखते ही देखते यज्ञ पंडाल पूरी क्षमता से अधिक भरा गया।
यज्ञ को संपन्न कराते हुए यज्ञ आचार्य श्री पूरन जी चंद्राकर ने कहा कि भारतीय संस्कृति वसुधैव कुटुंबकम् की भावना के साथ कार्य करती है। सारा संसार हमारा परिवार है यह भावना मात्र पूरे विश्व में अगर किसी संस्कृति की है तो वो है भारतीय संस्कृति।हमारी संस्कृति अपने लिए नहीं सबके लिए सोचती है।हमे गर्व है कि हम भारत में जन्मे है। गायत्री महायज्ञ में 01 पनसुवन संस्कार और 75 बच्चों का विद्यारंभ संस्कार संपन्न हुए।
दोपहर 03 बजे से प्रज्ञा पुराण का वाचन करते हुए उन्होंने कहा कि मनुष्य देवता कैसे बने यह परम पूज्य गुरुदेव पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य ने रचित प्रज्ञा पुराण में बताया है। आओ आज हम सब संकल्प लें कि हम देवता बनेंगे और इस धरती को स्वर्ग बनाएंगे।
शाम को 05 बजे दीपयज्ञ किया गया जिसमे माताएं,बहने अपने घर से एक थाली में 05 दीपक अगरबती लेकर आई और पंडाल में भी सैकड़ों दीपक जलाकर दीप महायज्ञ किया गया।दीप महायज्ञ को संपन्न कराते हुए कहा कि परम पूज्य गुरुदेव दूर दृष्टा थे उन्होंने देखा कि आने वाले समय में यज्ञ परंपरा को जीवित रखना है तो यज्ञ को सरल करना होगा यही कार्य गुरुदेव ने दीपयज्ञ के मध्यम से किया।दीपयज्ञ में एक थाली में 05 दीपक एवं अगरबती के प्रज्वलन के साथ उसे कुंड मानकर यज्ञ की समस्त प्रकिया संपन्न की जाती है। आज यज्ञ में मुख्य रूप से जनपद पंचायत अध्यक्ष श्रीमती रानू दशरथ पटेल,दुर्गादास पाटिल,महेश शर्मा,रूपचंद्र अग्रवाल, प्रवीण अग्रवाल,यशोदा दुर्गा दास पाटिल गंगा विशन मुनीम ,जगदीश टेमले ,मयंक पस्तारीय,गया प्रसाद विश्वकर्मा, सुनील निलोशे ,सुभाष गड़वाल , नैन सिंह राजपूत ,शंकर सिंह खड़वाड़िया ,संजय मिश्रा , ओम चौहान एवं अन्य सैकड़ों परिजन शामिल थे।
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