देशभर में संविधान दिवस का जश्न: CJI बोले- यह जीने का तरीका
संविधान दिवस के मौके पर मंगलवार को भारत के चीफ जस्टिस संजीव खन्ना ने सुप्रीम कोर्ट के बार एसोसिएशन में एक कार्यक्रम को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने संविधान की उपलब्धियां गिनाते हुए आजादी के बाद भारतीय लोकतंत्र में इसकी अहमियत का उल्लेख किया। सीजेआई ने संविधान को बदलाव वाला दृष्टिकोण और जीवन जीने का तरीका करार दिया।
नई दिल्ली (आरएनआई) संविधान दिवस के मौके पर मंगलवार को भारत के चीफ जस्टिस संजीव खन्ना ने सुप्रीम कोर्ट के बार एसोसिएशन में एक कार्यक्रम को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने संविधान की उपलब्धियां गिनाते हुए आजादी के बाद भारतीय लोकतंत्र में इसकी अहमियत का उल्लेख किया। सीजेआई ने संविधान को बदलाव वाला दृष्टिकोण और जीवन जीने का तरीका करार दिया।
सीजेआई ने कहा, "आजादी के बाद से ही भारत की यात्रा बदलावों भरी रही है। यह देश विभाजन के खौफ, कम पढ़ी लिखी आबादी, गरीबी, भुखमरी और लोकतांत्रिक प्रणाली की कमी से आज एक परिपक्व और जीवंत लोकतंत्र बनकर उभरा है, जो कि खुद पर भरोसा करता है और भू-राजनीतिक नेता है।"
उन्होंने कहा कि भारत की इस यात्रा के पीछे संविधान की अहम भूमिका रही है, जिसने इन बदलावों में मदद की। आज यह जीवन जीने का तरीका है। उन्होंने बार एसोसिएशन में अपनी भूमिका का जिक्र करते हुए कहा कि बार सदस्य के तौर पर मेरा कार्यकाल जज के कार्यकाल से ज्यादा है। जज बार से ही आते हैं और बाद में बार में ही चले जाते हैं। हम बार का हिस्सा हैं और जितना बेहतर बार होगा, उतने ही बेहतर जज होंगे।
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