देश के 50 फीसदी लोगों ने लगाई त्रिवेणी संगम में पावन डुबकी, श्रद्धालुओं की संख्या 55 करोड़ पार

महाकुंभ में श्रद्धालुओं की संख्या ने 55 करोड़ का आंकड़ा पार कर दिया है। महाशिवरात्रि अंतिम और मुख्य स्नान पर्व तक यह संख्या 60 करोड़ के ऊपर पहुंच सकती है। आस्थावानों का रेला लगातार संगम की ओर बढ़ रहा है। 

Feb 18, 2025 - 16:00
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देश के 50 फीसदी लोगों ने लगाई त्रिवेणी संगम में पावन डुबकी, श्रद्धालुओं की संख्या 55 करोड़ पार

प्रयागराज (आरएनआई) संगमनगरी में 13 जनवरी से आयोजित हो रहा दिव्य-भव्य धार्मिक, सांस्कृतिक समागम 'महाकुंभ 2025' अब इतिहास रच चुका है। यहां अब तक 55 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने त्रिवेणी संगम में सनातन आस्था की पावन डुबकी लगाकर धार्मिक और सांस्कृतिक एकता की अद्वितीय मिसाल कायम की है। 55 करोड़ से अधिक की यह संख्या किसी भी धार्मिक, सांस्कृतिक या सामाजिक आयोजन में मानव इतिहास की अब तक की सबसे बड़ी सहभागिता बन चुकी है। एक अनुमान के मुताबिक भारत में कुल 110 करोड़ सनातनी निवास करते हैं। इस लिहाज से महाकुंभ में देश की आधे सनातनी त्रिवेणी संगम में पावन डुबकी लगाकर पुण्य फल प्राप्त कर चुका है। 26 फरवरी को शिवरात्रि के अंतिम स्नान पर्व तक यह संख्या 60 करोड़ से भी ज्यादा हो सकती है। 

भारत एक धार्मिक देश है। यहां एक नहीं, बल्कि कई धर्मों को मानने वाले लोग एक साथ मिलकर रहते हैं। इसमें सबसे बड़ी संख्या सनातन धर्म को मानने वालों की है। वर्ल्ड पॉपुलेशन रिव्यू, प्यू रिसर्च के मुताबिक भारत की अनुमानित जनसंख्या 143 करोड़ (1.43 अरब) है। इसमें सनातन धर्मावलंबियों की संख्या लगभग 110 करोड़ (1.10 अरब) है। इस तरह अगर स्नानार्थियों की संख्या की तुलना भारत में सनातनियों की संख्या से की जाए तो 50 प्रतिशत लोग अब तक त्रिवेणी संगम में स्नान कर चुके हैं।

यदि देश की कुल जनसंख्या से स्नानार्थियों की तुलना की जाए तो यह 38 प्रतिशत से अधिक बैठता है। यानी देश की कुल जनसंख्या की 38 प्रतिशत से ज्यादा जनसंख्या त्रिवेणी संगम में स्नान कर चुकी है। प्यू रिसर्च 2024 की रिपोर्ट मानें तो पूरी दुनिया में 120 करोड़ (1.2 अरब) आबादी सनातन धर्म को मानने वाली है। इस लिहाज से पूरी दुनिया के 45 प्रतिशत से ज्यादा सनातनियों ने संगम में डुबकी लगाई है।  

मां गंगा, मां यमुना और अदृश्य मां सरस्वती के पवित्र संगम में श्रद्धा और आस्था से ओत-प्रोत साधु-संतों, श्रद्धालुओं, कल्पवासियों, स्नानार्थियों और गृहस्थों का स्नान अब उस शिखर के भी पार पहुंच गया है, जिसकी महाकुंभ से पहले ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उम्मीद जताई थी कि स्नानार्थियों की संख्या का नया रिकॉर्ड स्थापित करेगा। उन्होंने शुरुआत में ही 45 करोड़ श्रद्धालुओं के आने की संभावना जताई थी।

बता दें कि उनका यह आंकलन बीते 11 फरवरी को ही सच साबित हो गया था। वहीं शुक्रवार (14 फरवरी) को यह संख्या 50 करोड़ के ऊपर पहुंच गई और अब इसने 55 करोड़ का नया शिखर छू लिया है। अभी महाकुंभ के समापन में नौ दिन शेष हैं और एक महत्वपूर्ण स्नान पर्व शेष है। पूरी उम्मीद है कि स्नानार्थियों की यह संख्या 60 करोड़ के ऊपर जा सकती है। 

यदि अब तक के कुल स्नानार्थियों की संख्या का विश्लेषण करें तो सर्वाधिक करीब आठ करोड़ श्रद्धालुओं ने मौनी अमावस्या पर स्नान किया था, जबकि 3.5 करोड़ श्रद्धालुओं ने मकर संक्रांति के अवसर पर अमृत स्नान किया था। एक फरवरी और 30 जनवरी को 2-2 करोड़ के पार और पौष पूर्णिमा पर 1.7 करोड़ श्रद्धालुओं ने पुण्य डुबकी लगाई, इसके अलावा वसंत पंचमी पर 2.57 करोड़ श्रद्धालुओं ने त्रिवेणी में आस्था की डुबकी लगाई थी। वहीं माघी पूर्णिमा के महत्वपूर्ण स्नान पर्व पर भी दो करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने संगम में पावन स्नान किया था।

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