देश की सुरक्षा पर राष्ट्रपति की सलाह, कहा- साइबर युद्ध और आतंक से निपटने के लिए तैयार रहे भारत
तमिलनाडु के नीलगिरी जिले में वेंलिंगटन स्थित डिफेंस सर्विस स्टाफ कॉलेज में आयोजित समारोह में राष्ट्रपति ने कहा कि राष्ट्रीय और वैश्विक स्थिति को समझने की जरूरत है। राष्ट्रपति ने कहा कि मौजूदा समय में जलवायु परिवर्तन का मुद्दा लगातार बढ़ रहा है। इसे समझने और प्रबंधित की जरूरत है। इसके साथ ही शोध पर आधारित ज्ञान और तकनीक को लागू किया जाना चाहिए।
उधगमंडलम (आरएनआई) तमिलनाडु में चार दिवसीय दौरे पर पहुंचीं राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने तीनों सेनाओं को देश की सुरक्षा को लेकर सलाह दी। राष्ट्रपति ने कहा कि तेजी से बदलती भूराजनीतिक परिस्थितियों के बीच साइबर युद्ध और आतंकवाद जैसी सुरक्षा चुनौतियों से निपटने के लिए भारत को तैयार रहना चाहिए। तमिलनाडु के नीलगिरी जिले में वेंलिंगटन स्थित डिफेंस सर्विस स्टाफ कॉलेज में आयोजित समारोह में राष्ट्रपति ने कहा कि राष्ट्रीय और वैश्विक परिदृश्यों की गहरी समझ विकसित करने की भी जरूरत है।
राष्ट्रपति ने कहा कि मौजूदा समय में जलवायु परिवर्तन का मुद्दा लगातार बढ़ रहा है। इसे समझने और बदलने की जरूरत है। इसके साथ ही शोध पर आधारित ज्ञान और तकनीक को लागू किया जाना चाहिए। मुझे विश्वास है कि हमारे सशस्त्र कार्मिक अधिकारी भविष्य की चुनौतियों का सामना करेंगे। हमें न केवल अपने राष्ट्रीय हितों को सुरक्षित करना है, बल्कि साइबर युद्ध और आतंकवाद जैसी नई राष्ट्रीय सुरक्षा चुनौतियों के लिए भी तैयार रहना है।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि भारत लगातार आगे बढ़ रहा है। रक्षा सहित विभिन्न क्षेत्रों में भारत की भूमिका को दुनिया स्वीकार भी कर रही है। देश स्वदेशीकरण और आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ रहा है ताकि सशस्त्र बलों को जरूरतों और चुनौतियों का सामना करने की स्थिति में रखा जा सके। उन्होंने कहा कि भारत को एक प्रमुख रक्षा विनिर्माण केंद्र के रूप में विकसित किया जा रहा है। देश रक्षा निर्यातक के तौर पर भी बढ़ता जा रहा है।
राष्ट्रपति ने कहा कि भारत का रक्षा उद्योग तेजी से नई तकनीक को अपना रहा है। आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य के अनुरूप भारत आगे बढ़ रहा है। भारत की रक्षा कंपनियों के जरिये देश ने सौ से अधिक देशों को रक्षा उपकरण निर्यात किए हैं। पिछले एक दशक में भारत के रक्षा निर्यात में 30 गुना बढ़ोतरी हुई है। मेक इन इंडिया ने इसमें प्रमुख भूमिका निभाई है।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि सशस्त्र बलों में महिलाओं की भागीदारी बढ़ रही है। यह काफी प्रशंसनीय है। दुनिया के सबसे ऊंचे युद्धक्षेत्र सियाचिन में भी महिला अधिकारियों की तैनाती भी सराहनीय है। उन्होंने कहा कि महिला अधिकारी अब तीनों सेनाओं में विभिन्न इकाइयों की कमान संभाल रही हैं। सभी क्षेत्रों में महिलाओं की बढ़ती ताकत और भूमिका सभी के लिए युवा लड़कियों के लिए उत्साहजनक और प्रेरणादायक है। उन्होंने कहा कि वह अधिक से अधिक महिलाओं को सशस्त्र बलों में शामिल होते हुए देखने को उत्सुक हैं।
कार्यक्रम में डिफेंस सर्विसेज स्टाफ कॉलेज के कमांडेंट लेफ्टिनेंट जनरल वीरेंद्र वत्स ने कहा कि 26 देशों के रक्षा बलों के 38 अधिकारी छात्र प्रशिक्षण का हिस्सा रहे। एक अंतरराष्ट्रीय छात्र अधिकारी और भारतीय वायुसेना की एक महिला अधिकारी ने चल रहे प्रशिक्षण के बारे में अपने अनुभव साझा किए। राज्य मंत्री मेय्यानाथन ने भी इसमें भाग लिया। इससे पहले राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने वेलिंगटन में मद्रास रेजिमेंट युद्ध स्मारक पर देश की सेवा में सर्वोच्च बलिदान देने वाले देश के वीर सैनिकों को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने वीर नारियों को सम्मानित भी किया।
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