देवताओं, ऋषियों एवं पितृगणों का तर्पण प्रारंभ
(बद्रीश जी महाराज)
वृंदावन (आरएनआई) आज दिनांक 17 सितंबर 2024 मंगलवार तद्नुसार भाद्रपद शुक्ल पूर्णमासी से 16 दिनों का देवताओं, ऋषियों एवं पितृगणों का तर्पण प्रारंभ हो गया है। श्रीमद्भागवत मंदिर के संस्थापक अध्यक्ष आचार्य बद्रीश जी महाराज ने बताया कि हमारे वैदिक सत्य सनातन धर्म के अनुसार जीव का जब जन्म होता है जन्म लेते ही वह देवॠण, पितृऋण एवं ऋषि ऋण का ऋणी यिनि की कर्जदार या एहसानमंद होता है । वर्तमान में यह 16 दिनों का पितृ श्वरों का पर्व प्रारंभ हुआ है । भाद्रप्रद शुक्ल पूर्णिमा से आश्विन कृष्ण पितृ मोक्ष अमावस्या पर्यंत 16 दिनों तक पितृलोक से पितृ गण पृथ्वी लोक पर आते हैं।
हम सभी सनातनी इन 16 दिनों तक उनका श्रद्धा एवं तर्पण के द्वारा आदर सम्मान करते हैं। इन 16 दिनों में देवताओं का ,ऋषियों का , दिव्यता मनुष्यों का एवं मातृकुल की तीन पीढ़ियां और पितृकुल की तीन पीढ़ियों को हम सभी तिल मिश्रित जल, यव या जौ ,चावल एवं दूध, शहद एवं जल में पुष्प डालकर भी इन सभी को तिलांजलि , जलांजलि आदि के द्वारा तर्पण करके इनको प्रसन्न करते हैं। हम स्वान को कौवा को चीटियों को अतिथियों को और कीट, पतंग, मछली आदि को उनके प्रिय भोज्य पदार्थ देकर बलि रूप में उनको अर्पण करते हैं।
पितृगणों की प्रसन्नता से हमारे यहां धन-धान्य की ,सुख समृद्धि की ,संतति की वृद्धि होती है एवंसी। हमे हमारे पितृगणों का, पुरखों का आशीर्वाद प्राप्त होता है। आज का तर्पण आचार्य पंडित जुगल किशोर शास्त्री ,पंडित राधेश्याम शास्त्री ,पंडित ध्रुव शर्मा अतुल कृष्ण श्रीवास्तव एवं प्रेम निषाद केसहयोग से इस उत्सव का शुभ आरंभ हुआ है एवं पितृ मोक्ष अमावस्या पर 2 अक्टूबर तद्नुसार इसका पितृ मोक्ष अमावस्या पर विश्राम होगा ।
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