'दूसरों पर टिप्पणी करने से पहले, खुद...', सचिन पांचाल सुसाइड केस में प्रियांक खरगे का भाजपा का पलटवार

कर्नाटक मंत्री प्रियांक खरगे ने बताया कि पूर्व मंत्री मुनिरत्न फिलहाल दुष्कर्म और जातिवादी अपमान के मामलों का सामना कर रहे हैं, लेकिन भाजपा ने उन्हें अभी तक पार्टी से नहीं निकाला।

Jan 2, 2025 - 15:00
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'दूसरों पर टिप्पणी करने से पहले, खुद...', सचिन पांचाल सुसाइड केस में प्रियांक खरगे का भाजपा का पलटवार

बेंगलुरु (आरएनआई) कर्नाटक में सिविल कॉन्ट्रैक्टर सचिन पांचाल की आत्महत्या मामले में राज्य मंत्री प्रियांक खरगे और भाजपा के बीच तनातनी जारी है। भाजपा ने सिविल कॉन्ट्रैक्टर की आत्महत्या मामले में कांग्रेस नेता प्रियांक खरगे को जिम्मेदार ठहराया। इसका विरोध करते हुए कांग्रेस नेता ने आरोप लगाने वाले भाजपा नेताओं की आलोचना की। उन्होंने भाजपा पर तंज कसते हुए कहा कि दूसरो पर टिप्पणी करने से पहले खुद के घरों को मजबूत कर लें। पत्रकारों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि सचिन पांचाल और संतोष पाटिल की आत्महत्या के मामलों में कोई तुलना नहीं है। साल 2022 में तत्कालीन भाजपा सरकार के दौरान उडुपी के एक होटल के कमरे में संतोष पाटिल की आत्महत्या से मौत हो गई थी।

प्रियांक खरगे ने कहा, संतोष पाटिल ने आत्महत्या से पहले स्पष्ट रूप से भाजपा सरकार के तत्कालीन ग्रामीण विकास और पंचायत राज मंत्री केएस ईश्वरप्पा के नाम का उल्लेख किया था। वहीं, सचिन पांचाल मामले में सुसाइड नोट में मेरे नाम का कहीं भी जिक्र नहीं है। इसके बावजूद भाजपा एक गैर मुद्दा उठा रही है। उन्होंने आगे कहा, क्या भाजपा ने संतोष पाटिल के परिजनों को मुआवजा दिया या उनके परिवार के सदस्य को नौकरी दी?

कर्नाटक मंत्री ने बताया कि पूर्व मंत्री मुनिरत्न फिलहाल दुष्कर्म और जातिवादी अपमान के मामलों का सामना कर रहे हैं, लेकिन उन्हें अभी तक पार्टी से नहीं निकाला गया है। यह भाजपा के नारे बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ पर अमल करने की गंभीरता पर संदेह पैदा करता है। 

भाजपा ने सचिन पांचाल आत्महत्या मुद्दे पर चार जनवरी आंदोलन की योजना बनाई है। इस पर प्रियांक खरगे ने कहा कि भाजपा की अलमारी में कई कंकाल हैं और उन्हें दूसरों पर टिप्पणी करने से पहले अपना घर मजबूत करना चाहिए।

कॉन्ट्रैक्टर सचिन पंचाल ने 26 दिसंबर को बीदर जिले में चलती ट्रेन के सामने लेटकर आत्महत्या की थी। उन्होंने आत्महत्मा से पहले लिखा एक सुसाइट नोट छोड़ा था, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि राजू कापानुर ने उनसे एक करोड़ रुपये की मांग की थी। हालांकि, कापानुर ने इस आरोप को खारिज किया।

भाजपा का आरोप है कि कापानुर ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री प्रिंयाक खरगे के करीबी सहयोगी थे। प्रियांक ने पंचाल को यह पैसे देने के लिए दबाव डाला। पंचाल ने यह भी आरोप लगाया था कि कापानुर ने कलबुर्गी के भाजपा विधायक बसवराज मुत्तिमुद, भाजपा के दो अन्य शीर्ष नेताओं और एक लिंगायत संत को मारने के लिए एक 'हिटमैन' (भाड़े पर हत्यारा)  को नियुक्त किया था। 

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