दुनिया में तेजी से बढ़ रही भुखमरी, महिलाएं-बच्चे सबसे ज्यादा प्रभावित
संयुक्त राष्ट्र के खाद्य एवं कृषि संगठन के मुख्य अर्थशास्त्री मैक्सिमो टोरेरो ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों ने भूख का एक पैमाना तय किया है, जिसमें पांच देशों के 7,05,000 लोग पांचवे चरण में हैं, जिसे उच्च स्तर माना जाता है।
नई दिल्ली (आरएनआई) 59 देशों के करीब 28.2 करोड़ लोगों ने 2023 में भीषण भूख का सामना किया। यह संख्या 2022 के मुकाबले 2.4 करोड़ अधिक है।भूखे रहने वालों में बच्चे और महिलाएं सबसे अधिक हैं। 32 देशों में पांच साल से कम उम्र के 3.6 करोड़ से अधिक बच्चे गंभीर रूप से कुपोषित हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, 2022 में 2.4 करोड़ से अधिक लोगों को खाद्य सामग्री की भारी कमी से जूझना पड़ा। इसके चलते गाजा पट्टी और सूडान में खाद्य सुरक्षा के बिगड़े हालात थे। 2023 में कुपोषण की स्थिति बदतर हुई। इसके दो कारण थे, पहला-देशों के बीच युद्ध व दूसरा-प्राकृतिक आपदाओं के कारण बढ़ा विस्थापन।
संयुक्त राष्ट्र के खाद्य एवं कृषि संगठन के मुख्य अर्थशास्त्री मैक्सिमो टोरेरो ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों ने भूख का एक पैमाना तय किया है, जिसमें पांच देशों के 7,05,000 लोग पांचवे चरण में हैं, जिसे उच्च स्तर माना जाता है।
20 देशों में भूख की मुख्य वजह हिंसक संघर्ष था। इन देशों में लगभग 13 करोड़ 50 लाख लोगों ने गंभीर खाद्य असुरक्षा का सामना किया। सूडान में हालात सबसे अधिक गंभीर रहे। यहां 2022 की तुलना में 86 लाख से अधिक लोगों को उच्च स्तर की गंभीर खाद्य असुरक्षा का सामना करना पड़ा।
भूख का दूसरा बड़ा कारण चरम मौसमी घटनाएं थीं। 18 देशों में मौसम संबंधी आपदाओं के कारण 7.7 करोड़ से अधिक लोगों को उच्च स्तर की गंभीर खाद्य असुरक्षा का सामना करना पड़ा, जबकि 2022 में 12 देशों में 5.7 करोड़ लोगों को इस स्थिति का सामना करना पड़ा था। 2023 में जलवायु संबंधी आपदाएं बढ़ने की वजह रिकॉर्ड स्तर की गर्मी भी रही। इसके अतिरिक्त खाद्य असुरक्षा का कारण भारी बाढ़, तूफान, सूखा, जंगल की आग, कीटों का हमला और बीमारी का प्रकोप भी रहा।
Follow RNI News Channel on WhatsApp: https://whatsapp.com/channel/0029VaBPp7rK5cD6XB2
What's Your Reaction?