दीप प्रज्वलन के साथ हुआ त्रिदिवसीय संवाद - मंथन कार्यशाला का शुभारंभ
वृन्दावन।परिक्रमा मार्ग स्थित सुखधाम आश्रम में भारतीय चरित्र निर्माण संस्थान, उ.प्र. परिवहन विभाग,ब्रजभूमि कल्याण परिषद व क्षत्रिय महासभा के संयुक्त तत्वावधान में महाराणा प्रताप की 483 वीं जयंती के अवसर पर "राष्ट्र धर्म,श्रीमद्भगवद्गीता गीता के कर्मयोग व सड़क सुरक्षा" विषय पर त्रिदिवसीय "संवाद - मंथन" कार्यशाला का शुभारम्भ उ. प्र. परिवहन विभाग के प्रमुख सचिव एवं उ.प्र. प्रशासन व प्रबंधन अकादमी के महानिदेशक एल. वेंकटेश्वर लू (आईएएस), युनाइटेड काॅन्सियसनेस के ग्लोवल कन्वेनर डॉ. विक्रांत सिंह तोमर, महिला सशक्तिकरण की प्रमुख पैरोकार, प्रख्यात बास्केट बॉल खिलाड़ी, प्रख्यात कवियत्री एवं पुलिस उपाधीक्षक महिला अनुसंधान केंद्र (उदयपुर, राजस्थान) श्रीमती चेतना भाटी, पूर्व डी.आई.जी. कारागार सुरेन्द्र सिंह शेखावत एवं श्रीमज्जजगद्गुरु पीपाद्वाराचार्य बाबा बलराम दास देवाचार्य महाराज आदि ने संयुक्त रूप से महाराणा प्रताप के चित्रपट के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित करके किया।
कार्यक्रम को अध्यक्षता करते हुए श्रीमज्जजगद्गुरु पीपाद्वाराचार्य बाबा बलराम दास देवाचार्य महाराज ने कहा कि मातृभूमि के लिए लड़ाई लड़ने वाले योद्धा कोई साधारण व्यक्ति नहीं अपितु देवदूत हुआ करते हैं।वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप ऐसे ही महान योद्धा थे।जिन पर आने वाली पीढ़ियां सदैव गर्व करती रहेंगी।
उ. प्र. परिवहन विभाग के प्रमुख सचिव एवं उ.प्र. प्रशासन व प्रबंधन अकादमी के महानिदेशक एल. वेंकटेश्वर लू (आईएएस) ने कहा कि वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप ने मुगल शासन काल में स्वराज के लिए अनेक युद्धों का नेतृत्व किया।उन जैसी पुण्यात्माओं से ही भारत सदा ही गौरांवित होता आ रहा है।
उन्होंने कहा कि श्रीमद्भगवद्गीता का कर्मयोग हम सभी को सद्कर्म करने की प्रेरणा देता है।यदि हम लोग इस ग्रंथ को आत्मसात करलें,तो हमारे देश व समाज की अनेक बुराईयां समाप्त हो सकती हैं।
भारतीय चरित्र निर्माण संस्थान के संस्थापक अध्यक्ष व कार्यक्रम के मुख्य योजना प्रमुख रामकृष्ण गोस्वामी ने कहा कि हम पिछले लगभग 4 दशक से श्रीमद्भगवद्गीता के द्वारा समूचे देश में वैचारिक क्रांति लाने का प्रयास कर रहे हैं।जिससे हमारे देश में सदाचार व सत्प्रवृत्तियों का उन्नयन व संवर्धन हो।
श्रीमती चेतना भाटी (पुलिस उपाधीक्षक महिला अनुसंधान केंद्र,उदयपुर-राजस्थान) व युनाइटेड काॅन्सियसनेस के ग्लोवल कन्वेनर डॉ. विक्रांत सिंह तोमर ने कहा कि आज हमारे देश मे महिला सशक्तिकरण की अत्यधिक आवश्यकता है।क्योंकि महिलाएं समाज के प्रत्येक क्षेत्र में पुरुषों से कंधे से कंधा मिलाकर कार्य कर रही हैं।परंतु उन्हें वो सम्मान नहीं मिल पा रहा है,जो उन्हें मिलना चाहिए।हम लोग इस दिशा में युद्ध स्तर पर कार्य कर रहे हैं।"बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ" का नारा हमने ही दिया था।जिसे भारत सरकार ने महिला उत्थान के लिए अपना ध्येय वाक्य बनाया हुआ है।
संयोजक पंडित बिहारीलाल वशिष्ठ व सह संयोजक डॉ. गोपाल चतुर्वेदी ने कहा कि हम लोग इस कार्यक्रम के माध्यम से भारत सरकार से ये मांग करते हैं, कि वो श्रीमद्भगवद्गीता को राष्ट्रीय ग्रंथ घोषित करे।क्योंकि ये किसी के द्वारा रचित ग्रंथ नहीं अपितु स्वयं भगवान श्रीकृष्ण के मुख से निकली हुई अमृतवाणी है।
इस अवसर पर महामंडलेश्वर स्वामी डॉ. आदित्यानंद महाराज, धर्मरत्न स्वामी बलरामाचार्य महाराज, ब्रजाचार्य बाबा कर्मयोगी महाराज, डॉ. सत्यमित्रानंद महाराज, पंडित जुगेंद्र भारद्वाज,पंडित रामनिवास गुरुजी, सुरेन्द्र सिंह शेखावत (पूर्व डी.आई.जी. कारागार),उप-परिवहन आयुक्त (आगरा मंडल) मयंक ज्योति,आर.टी.ओ. पीके सिंह,ए.आर.टी.ओ. (प्रशासन) प्रमोद कुमार सिंह, ए.आर.टी.ओ. (प्रवर्तन) मनोज कुमार वर्मा, सीनियर ए.आर.टी.ओ. लक्ष्मण प्रसाद सिंह, अपर पुलिस अधीक्षक (यातायात) देवेश शर्मा,ए.आर.टी.ओ. नीलम मिश्रा, शिवा जाट,अर्चना कुमारी (दिल्ली), एडवोकेट महेंद्र प्रताप सिंह,कुलदीप दुबे,ठाकुर हरिवल्लभ सिंह,प्राचार्य डॉ. देवप्रकाश शर्मा, डॉ. राधाकांत शर्मा, नवीन सिंह, पुष्पेन्द्र सिंह, संजीव सिंह बाबा, अम्बरीष जी, रामबाबू, जितेंद्र सिंह राणा, प्रदीप जैन, शैलेन्द्र सिंह चौहान, नत्थूराम शर्मा,आचार्य ईश्वरचंद्र रावत, जयगोपाल शास्त्री आदि के अलावा विभिन्न क्षेत्रों के तमाम गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।संचालन डॉ. गोपाल चतुर्वेदी ने किया।धन्यवाद ज्ञापन राष्ट्रीय उपाध्यक्ष कपिल आनंद चतुर्वेदी ने किया।
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