दिवाली के बाद महंगाई का बड़ा झटका, कमर्शियल एलपीजी के दाम 62 रुपये बढे, घरेलू में कोई बदलाव नहीं

देश में दिवाली समाप्त होने के अगले दिन यानी 1 नवंबर को लोगों को महंगाई का बड़ा झटका लगा। नवंबर महीने के पहले दिन शुक्रवार को गैस कंपनियों ने अपनी कीमतों में वृद्धि की। इसके बाद कमर्शियल एलपीजी सिलेंडर के दाम 62 रुपए बढ़ाए गए। नई दरें पूरे देश में शुक्रवार से लागू हो गई है, हालांकि गैस कंपनियों ने घरेलू एलपीजी सिलेंडरों की कीमतों में कोई बदलाव नहीं किया।

Nov 1, 2024 - 08:00
 0  513
दिवाली के बाद महंगाई का बड़ा झटका, कमर्शियल एलपीजी के दाम 62 रुपये बढे, घरेलू में कोई बदलाव नहीं

नई दिल्ली (आरएनआई) देश में दिवाली समाप्त होने के अगले दिन यानी 1 नवंबर को लोगों को महंगाई का बड़ा झटका लगा। नवंबर महीने के पहले दिन शुक्रवार को गैस कंपनियों ने अपनी कीमतों में वृद्धि की। इसके बाद कमर्शियल एलपीजी सिलेंडर के दाम 62 रुपए बढ़ाए गए। नई दरें पूरे देश में शुक्रवार से लागू हो गई है, हालांकि गैस कंपनियों ने घरेलू एलपीजी सिलेंडरों की कीमतों में कोई बदलाव नहीं किया। लेकिन इसके बाद भी लोगों को नवंबर के पहले दिन महंगाई का बड़ा झटका लगा। पिछले कुछ महीनों से गैस सिलेंडर की कीमत में लगातार बढ़ोतरी हो रही है, जिससे आम जनता पर महंगाई का बोझ बढ़ता जा रहा है। ऑयल मार्केटिंग कंपनियों ने नवंबर के पहले दिन 19 किलो वाले एलपीजी सिलेंडर की कीमत में 62 रुपये का इजाफा कर दिया, जो पिछले चार महीनों में सिलेंडर की कीमत में हुई चौथी वृद्धि है। इससे पहले, अगस्त, सितंबर, और अक्टूबर में भी सिलेंडर के दाम बढ़ाए गए थे, जो महंगाई को और अधिक बढ़ावा दे रहे हैं। इस समय, 14.2 किलो वाले घरेलू गैस सिलेंडर की कीमत में कोई बदलाव नहीं हुआ है, लेकिन रसोई गैस की बढ़ती कीमतों के कारण व्यापारियों, छोटे व्यवसायियों और आम नागरिकों को कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है। 19 किलो वाले गैस सिलेंडर की कीमत में हर महीने वृद्धि हो रही है। इस सिलेंडर का उपयोग आमतौर पर व्यवसायिक गतिविधियों और होटलों-रेस्तरां में होता है, जहां बड़ी मात्रा में गैस की जरूरत होती है। अगस्त में इस सिलेंडर की कीमत में 6.50 रुपये की बढ़ोतरी हुई थी। इसके बाद सितंबर में इसकी कीमत 39 रुपये बढ़ी और फिर अक्टूबर में 48.5 रुपये की वृद्धि हुई। अब, नवंबर में 62 रुपये का इजाफा करते हुए इसकी कीमत को और बढ़ा दिया गया है। यह लगातार हो रही मूल्य वृद्धि व्यापारियों और उपभोक्ताओं के लिए बड़ी चिंता का विषय बन गई है। दिल्ली में 14.2 किलो वाले बिना सब्सिडी गैस सिलेंडर की कीमत 803 रुपये है, कोलकाता में 829 रुपये, मुंबई में 802.50 रुपये और चेन्नई में 818.50 रुपये है। इसके बावजूद उज्जवला योजना के लाभार्थियों को 300 रुपये की सब्सिडी दी जा रही है, लेकिन यह राहत भी लगातार बढ़ रही महंगाई के बीच अपर्याप्त लगती है। गैस की कीमतों में वृद्धि का सीधा असर हर परिवार और छोटे व्यापारियों पर पड़ता है। होटल और रेस्तरां व्यवसायियों को अपनी लागत बढ़ने के कारण उनके खाद्य पदार्थों की कीमतें भी बढ़ानी पड़ती हैं। इसी तरह, भोजन वितरण सेवाओं और छोटे खाद्य व्यवसायों के खर्च में भी वृद्धि हो रही है, जो सीधे ग्राहकों तक बढ़े हुए दामों के रूप में पहुंचता है। घरेलू उपयोग के लिए 14.2 किलो वाले सिलेंडर की कीमत में फिलहाल कोई बदलाव नहीं किया गया है, लेकिन इसमें भी वृद्धि की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता। इसका असर विशेषकर निम्न मध्यम वर्ग और निम्न वर्ग पर सबसे ज्यादा पड़ता है, जिनकी आय सीमित होती है। लगातार बढ़ती कीमतों से रसोई का बजट बिगड़ता जा रहा है, और परिवारों को अपनी जरूरतों में कटौती करने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। प्रधानमंत्री उज्जवला योजना के तहत गरीब परिवारों को सस्ते दरों पर एलपीजी सिलेंडर प्रदान किया गया था। इस योजना के तहत लाभार्थियों को प्रति सिलेंडर 300 रुपये की सब्सिडी दी जाती है। लेकिन मौजूदा हालात में, जब 19 किलो वाले सिलेंडर की कीमत बढ़ती जा रही है और महंगाई का बोझ लगातार बढ़ रहा है, यह सब्सिडी नाकाफी साबित हो रही है। गरीब परिवारों के लिए बढ़ती कीमतों में 300 रुपये की सब्सिडी भी पर्याप्त नहीं लग रही है, क्योंकि सिलेंडर की कुल कीमत उनके बजट पर भारी पड़ रही है। इस योजना का उद्देश्य था कि गरीब परिवार भी साफ और सुरक्षित ईंधन का इस्तेमाल कर सकें, लेकिन बढ़ती कीमतों के कारण वे अब इस सुविधा का उपयोग करने से वंचित हो सकते हैं। यह भी एक कारण है कि ग्रामीण और शहरी गरीबों के बीच एलपीजी की पहुंच घट सकती है और वे अन्य, अधिक प्रदूषणकारी साधनों की ओर रुख कर सकते हैं। महंगाई और बढ़ती कीमतों के इस दौर में जनता सरकार से कुछ राहत की उम्मीद कर रही है। ऑयल मार्केटिंग कंपनियां हर महीने एलपीजी की कीमतों की समीक्षा करती हैं और इसे अंतर्राष्ट्रीय बाजार की कीमतों के अनुसार निर्धारित करती हैं। अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दामों में उतार-चढ़ाव का सीधा प्रभाव भारत की तेल कीमतों पर भी पड़ता है। सरकार को चाहिए कि इस मूल्य वृद्धि पर नियंत्रण रखने के लिए कुछ ठोस कदम उठाए ताकि आम जनता को राहत मिल सके। एक स्थिर और संतुलित कीमत नीति की आवश्यकता है, जिससे नागरिकों की आर्थिक स्थिति पर और बोझ न पड़े। गैस सिलेंडर की कीमतों में लगातार वृद्धि से आम जनता पर आर्थिक दबाव बढ़ता जा रहा है। घरेलू गैस के बिना किसी भी परिवार का खर्चा चलाना कठिन होता है, और यदि यही सिलेंडर महंगा हो जाए, तो लोगों के लिए दैनिक जीवन चलाना मुश्किल हो जाता है। उज्जवला योजना के तहत मिलने वाली सब्सिडी भी मौजूदा हालात में अपर्याप्त साबित हो रही है। जनता उम्मीद कर रही है कि सरकार इस बढ़ती महंगाई को नियंत्रित करने के लिए ठोस कदम उठाएगी और उन्हें राहत प्रदान करेगी।

Follow RNI News Channel on WhatsApp: https://whatsapp.com/channel/0029VaBPp7rK5cD6XB

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow

RNI News Reportage News International (RNI) is India's growing news website which is an digital platform to news, ideas and content based article. Destination where you can catch latest happenings from all over the globe Enhancing the strength of journalism independent and unbiased.