दिल्ली में हवा पर हाहाकार: उपराज्यपाल ने हालात का लिया जायजा
दिल्ली में बढ़ते हुए प्रदूषण को देखते हुए उपराज्यपाल वी के सक्सेना ने राजघाट का दौरा किया। जहां उन्होंने हालात का जायजा लिया। उन्होंने साफ सफाई के साथ पानी के छिड़काव का आदेश दिया है।
नई दिल्ली (आरएनआई) राजधानी दिल्ली और आसपास के इलाकों में लगातार हवा खराब होती जा रही है। कई जगहों पर एक्यूआई गंभीर श्रेणी में पहुंच गया है। इसी बीच दिल्ली सरकार भी लगातार प्रदूषण को कम करने के लिए बैठकें कर रही है। सोमवार को दिल्ली के उपराज्यपाल वी के सक्सेना ने राजघाट का दौरा किया।
रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली में बढ़ते हुए प्रदूषण को देखते हुए उपराज्यपाल वी के सक्सेना ने राजघाट का दौरा किया। जहां उन्होंने हालात का जायजा लिया। उन्होंने साफ सफाई के साथ पानी के छिड़काव का आदेश दिया है। इससे पहले दिल्ली सचिवालय में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने उच्च स्तरीय बैठक की। इस बैठक में दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय, आतिशी समेत कई अधिकारी मौजूद रहे।
बता दें कि दिल्ली और आसपास के इलाकों में हवा विश्व स्वास्थ्य संगठन के मानक से 100 गुना ज्यादा जहरीली हो गई है। गंभीर होते हालात से निपटने के लिए केंद्र सरकार ने दिल्ली-एनसीआर में ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रैप) का चौथा चरण लागू कर दिया है। इसके तहत, सभी तरह के निर्माण और ध्वस्तीकरण कार्य पर तत्काल रोक लगा दी गई है।
प्रदूषणकारी वाहनों का दिल्ली में प्रवेश प्रतिबंधित कर दिया गया है। सभी सरकारी, निजी कार्यालयों में 50 फीसदी कर्मियों के लिए घर से काम करने के निर्देश दिए गए हैं। दिल्ली सरकार ने प्राइमरी स्कूल 10 नवंबर तक बंद कर दिए हैं। सीपीसीबी के अनुसार, दिल्ली की हवा आज भी गंभीर स्थिति में है। मोती बाग का 488, पटपड़गंज का 471 और आरके पुरम का एक्यूआई 466 दर्ज किया गया है।
बढ़ते वायु प्रदूषण की रोकथाम के लिए नगर आयुक्त विक्रमादित्य सिंह मलिक ने सभी विभागों को अलर्ट कर दिया है। निगरानी के लिए स्पेशल टीम गठित कर दी गई है। सुबह पांच बजे से सड़कों पर स्प्रिंकलर से पानी का छिड़काव, निर्माण कार्यों को बंद कराने, खुले में जलने वाले कूड़े, कोयला या भट्ठी को पूर्णत प्रतिबंधित कराना, पटाखे पूर्ण रूप से प्रतिबंधित करना, एंटी स्मोक गन का इस्तेमाल करना, सड़कों को धूल मुक्त करना व अन्य कार्य विशेष रूप से अभियान के तौर पर चलाने के लिए संबंधित विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं। ग्रैप के तहत दी गई गाइडलाइन का शत प्रतिशत पालन करने के लिए कहा गया है।
एनसीआर में आने वाले सभी प्रमुख शहर भीषण प्रदूषण की चपेट में हैं। सबसे बुरा हाल गाजियाबाद का है, जहां एक्यूआई 494 दर्ज किया गया। नोएडा का एक्यूआई 414, ग्रेटर नोएडा का 410 रहा। वहीं, फरीदाबाद का एक्यूआई 450 और गुरुग्राम का 441 दर्ज किया गया।
What's Your Reaction?