दिल्ली के लिए नया कानून सभी विवादों का हल विशेषज्ञ
नई दिल्ली। (आरएनआई) कानून विशेषज्ञों का मानना है, कि दिल्ली के लिए हाल में बने नए कानून से सभी विवादों का हल हो गय है।अब दोनों ही सरकारों को जन कल्याण के कार्यो पर ध्यान देना चाहिए,ताकि समग्र विकास हो सके।
दिल्ली उच्च न्यायालय के सुप्रसिद्ध अधिवक्ता एवं कड़कड़डूमा जिला न्यायालय बार के पूर्व महासचिव राजेन्द प्रसाद कौशिक ने कहा कि नए कानून से सभी विवादों का निपटारा हो गया।अब सरकारों को जनकल्याणकारी कार्यो पर ध्यान देना चाहिए।
श्री कौशिक ने कहा कि यह बात सही है,कि सुप्रीम कोर्ट का निर्णय कुछ और था,लेकिन नए कानून से सभी विवादों का हल हो गया।क्योंकि इसमें केंद यानि एलजी एवं दिल्ली की चुनी सरकार की शक्तियां स्प्ष्ट कर दी गयी है।
कानून विशेषज्ञ श्री कौशिक ने कहा कि दोनों सदनों में इस नए कानून पर गंभीर चर्चा हुई।उसके बाद यह कानून पारित किया गया।इसलिए अब कोई गुंजाइश नहीं रह गयी है।
अधिवक्ता रंजन कुमार ने बताया कि नए कानून से यह स्प्ष्ट हो गया है, कि केंद्र की भाजपा सरकार दिल्ली की चुनी आप सरकार की शक्तियां सीमित कर एलजी के जरिये खुद यहाँ शासन करना चाहती है।
उन्होंने कहा कि देश का सुप्रीम कोर्ट इस विवाद पर अपना निर्णय दे चुका था।इसे दोनों पक्षों को स्वीकार करना चाहिए।नए कानून की कोई जरुरत नहीं थी।उन्होंने कहा कि केंद्र को अगर ऐसा ही करना था तो फैसला आने से पहले करना चाहिए था।
तेज तर्रार महिला वकील सरस्वती भारद्वाज ने कहा कि दिल्ली के लिए नया कानून बहुत ही अच्छा है।यह जरुरी था।इससे विवादों का निपटारा हो गया।अब विकास के कामों में गति आएगी।
वकील नेहा गिरी ने बताया कि दिल्ली एक केंद्र शासित राज्य है, लेकिन यहाँ एक विधान सभा और चुनी हुई राज्य सरकार भी है।नए कानून को लेकर भी न्यायालय में मामला लंबित है।एल.एस।
उषा पाठक
वरिष्ठ पत्रकार।
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