दिल्ली की वायु गुणवत्ता में मामूली सुधार, लेकिन अब भी ‘बहुत खराब’ श्रेणी में
दिल्ली की वायु गुणवत्ता में मौसम की अपेक्षाकृत बेहतर परिस्थितियों के कारण बुधवार मामूली सुधार हुआ और वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) ने कहा कि ‘ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान’ (जीआरएपी) के चौथे चरण के तहत प्रतिबंध लागू करने की तत्काल आवश्यकता नहीं है।
नयी दिल्ली, 2 नवंबर 2022, (आरएनआई)। दिल्ली की वायु गुणवत्ता में मौसम की अपेक्षाकृत बेहतर परिस्थितियों के कारण बुधवार मामूली सुधार हुआ और वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) ने कहा कि ‘ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान’ (जीआरएपी) के चौथे चरण के तहत प्रतिबंध लागू करने की तत्काल आवश्यकता नहीं है।
जीआरएपी के चौथे चरण के तहत प्रतिबंधों में ट्रकों के प्रवेश पर रोक और शिक्षण संस्थानों को बंद करना शामिल होता है।
केंद्रीय पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के तहत आने वाली एक पूर्वानुमान एजेंसी ‘सफर’ ने कहा कि अनुकूल परिवहन-स्तरीय हवा की गति के कारण दिल्ली के पीएम2.5 प्रदूषण में पराली जलाने की हिस्सेदारी बढ़कर 32 प्रतिशत हो गई।
परिवहन-स्तर की हवाएं वातावरण की सबसे निचली दो परतों - क्षोभमंडल और समताप मंडल में चलती हैं और खेतों में पराली जलाने से निकलने वाले धुएं को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में लाती हैं।
मौसम विज्ञान के विशेषज्ञों ने कहा कि मध्यम रूप से अनुकूल सतह-स्तरीय हवा की गति (8 किमी प्रतिघंटे तक) ने प्रदूषकों को तेजी से जमा नहीं होने दिया।
दिल्ली का 24 घंटे का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 376 रहा, जो मंगलवार को 424 था, जो पिछले साल 26 दिसंबर से सबसे खराब था जब यह 459 था।
दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि वायु प्रदूषण का प्रभाव राष्ट्रीय राजधानी तक सीमित नहीं है और अन्य राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) के शहरों जैसे गाजियाबाद (एक्यूआई 332), नोएडा (339), गुरुग्राम (310), ग्रेटर नोएडा (336) और फरीदाबाद (346) में भी स्थिति उतनी ही खराब है।
उन्होंने दिल्ली के निवासियों से अपील की कि अच्छा हो अगर वे घर से काम करें या वाहनों के उत्सर्जन को कम करने के लिए साझा परिवहन का उपयोग करें, जो राष्ट्रीय राजधानी में वायु प्रदूषण में एक प्रमुख योगदानकर्ता है।
मंत्री ने कहा कि दिल्ली सरकार नरेला, आनंद विहार, मुंडका, द्वारका और पंजाबी बाग सहित दिल्ली के अधिक प्रदूषण वाले 13 स्थानों पर विशेष अभियान चलाएगी। उन्होंने कहा, "इन जगहों पर पानी छिड़कने के लिए दमकल की गाड़ियां तैनात की जाएंगी।"
राय ने भाजपा पर भी निशाना साधते हुए कहा कि वह वायु प्रदूषण के मुद्दे का राजनीतिकरण कर रही है। उन्होंने कहा, "भाजपा ने प्रदूषण फैलाने वाली गतिविधियों का समर्थन किया - पटाखों पर प्रतिबंध का विरोध किया, "गाड़ी बंद पर रेड लाइट" अभियान के कार्यान्वयन को रोक दिया और अब राजधानी में प्रदूषण गतिविधियों पर प्रतिबंध का उल्लंघन कर रही है और अब इस मुद्दे पर राजनीति कर रही है।’’
आम आदमी पार्टी के नेता राय ने कहा कि पंजाब में किसान पराली जलाने के लिए मजबूर हैं क्योंकि भाजपा के नेतृत्व वाले केंद्र ने पराली नहीं जलाने के लिए उन्हें नकद प्रोत्साहन देने की राज्य सरकार की योजना का समर्थन नहीं किया। आप पंजाब में सत्ता में है।
राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) ने दिल्ली सरकार से राष्ट्रीय राजधानी में वायु गुणवत्ता में सुधार होने तक स्कूल बंद रखने को कहा है।
राय ने कहा कि अनुरोध को वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) को भेजा जाएगा, जो इस मामले पर फैसला करेगा।
मौसम विज्ञानियों ने कहा कि पराली जलाने के प्रभाव से बृहस्पतिवार और शुक्रवार को हवा की गुणवत्ता गंभीर श्रेणी में वापस आने की संभावना है। उन्होंने कहा कि हालांकि, सतही तेज हवा चलने के कारण शनिवार को स्थिति में सुधार होने का अनुमान है।
बुधवार को हवा की गुणवत्ता में मामूली सुधार पालम और सफदरजंग हवाई अड्डों पर सुबह बेहतर दृश्यता स्तर (1500 मीटर) से स्पष्ट था।
हालांकि, आनंद विहार (422), बवाना (431), वजीरपुर (418), नरेला (406), विवेक विहार (405), पटपड़गंज (410), जहांगीरपुरी (422), सोनिया विहार (417), नेहरू नगर (406) और अशोक विहार (406) स्थित निगरानी स्टेशन ने वायु गुणवत्ता को 'गंभीर' श्रेणी में दर्ज किया।
400 से ऊपर का एक्यूआई "गंभीर" माना जाता है और स्वस्थ लोगों को प्रभावित कर सकता है और मौजूदा बीमारियों वाले लोगों को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकता है।
जून में जारी शिकागो विश्वविद्यालय (ईपीआईसी) के वायु गुणवत्ता जीवन सूचकांक (एक्यूएलआई) में ऊर्जा नीति संस्थान के अनुसार, खराब वायु गुणवत्ता के कारण दिल्ली के निवासियों की जीवन प्रत्याशा 10 वर्ष कम हो जाएगी।
प्रदूषण के स्तर के बिगड़ने के साथ, सीएक्यूएम ने शनिवार को अधिकारियों को दिल्ली-एनसीआर में निर्माण और तोड़फोड़ गतिविधियों और आवश्यक परियोजनाओं को छोड़कर अन्य पर प्रतिबंध लगाने और जीआरएपी के तीसरे चरण के तहत अन्य प्रतिबंधों को लागू करने का निर्देश दिया था।
पहली बार 2017 में लागू किया गया ‘जीआरएपी’ स्थिति की गंभीरता के अनुसार राष्ट्रीय राजधानी और इसके आसपास के क्षेत्रों में वायु प्रदूषण रोधी उपायों की एक प्रणाली है। इसके तहत दिल्ली-एनसीआर में वायु गुणवत्ता को चार विभिन्न चरणों में वर्गीकृत किया गया है- पहला चरण - 'खराब' (एक्यूआई 201-300); दूसरा चरण - 'बहुत खराब' (एक्यूआई 301-400); तीसरा चरण - 'गंभीर' (एक्यूआई 401-450); और चौथा चरण - 'अति गंभीर' (एक्यूआई 450 से अधिक)।
प्रदूषण को काबू करने संबंधी कदम इस साल पूर्वानुमान के आधार पर तीन दिन पहले से लागू किए जा रहे हैं।
जीआरएपी के चौथे चरण के तहत लागू किए जाने वाले कदमों में दिल्ली में ट्रकों के प्रवेश पर प्रतिबंध, सरकारी एवं निजी कार्यालयों में 50 प्रतिशत कर्मियों को घर से काम करने की अनुमति देना, शैक्षणिक संस्थाओं को बंद करना और सम-विषम पंजीकरण संख्या के आधार पर वाहनों का संचालन शामिल हैं।
बहरहाल, सीएक्यूएएम के एक अधिकारी ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि चौथे चरण के तहत प्रतिबंधों को तत्काल लागू करने की कोई जरूरत नहीं है, क्योंकि आने वाले दिनों में हवा की गुणवत्ता में सुधार होने की उम्मीद है।
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