दिल्ली आबकारी नीति मामले में मनीष सिसोदिया को बड़ी राहत; सुप्रीम कोर्ट ने दी जमानत
दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया बीते डेढ़ साल से अधिक समय से जेल में बंद हैं। सीबीआई-ईडी जैसी केंद्रीय एजेंसियां उनके खिलाफ दर्ज मामलों की जांच कर रही हैं। सिसोदिया ने जमानत के लिए सुप्रीम कोर्ट में अपील की है। कोर्ट में दो जजों की पीठ आज उनकी याचिका पर फैसला सुनाएगी।
नई दिल्ली (आरएनआई) दिल्ली की आबकारी नीति और धन शोधन से जुड़े अहम मामले सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को जमानत दे दी है। दो जजों की पीठ आज दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम की जमानत याचिका पर फैसला सुनाया। सर्वोच्च न्यायालय ने उन पर शर्त लगाते हुए निर्देश दिया कि वे अपना पासपोर्ट जमा कर दें। उन्हें हर सोमवार को थाने में गवाही देनी होगी। इसके साथ ही कोर्ट ने उनसे कहा कि वे गवाहों को प्रभावित करने की कोशिश न करें। न्यायमूर्ति बीआर गवई और न्यायमूर्ति केवी विश्वनाथन की पीठ ने सुनवाई के बाद छह अगस्त को फैसला सुरक्षित रख लिया था।
उच्चतम न्यायालय दिल्ली आबकारी नीति में कथित घोटाले और भ्रष्टाचार के साथ-साथ धन शोधन यानी मनी लॉन्ड्रिंग के इस बहुचर्चित मामले में आज मनीष सिसोदिया की जमानत याचिकाओं पर फैसला सुनाएगा। बता दें कि सिसोदिया को रद्द हो चुकी दिल्ली आबकारी नीति 2021-22 बनाने, इसके कार्यान्वयन में कथित अनियमितताओं में संलिप्तता के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। पहले 26 फरवरी, 2023 को केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने गिरफ्तार किया था। बाद में कई अलग-अलग आरोपों के तहत प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी ने भी सिसोदिया पर शिकंजा कसा।
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