दिल्ली-NCR से फिर हटा ग्रैप-4, प्रदूषण में कमी आने से लिया गया निर्णय
ठंड के प्रकोप के साथ लोग प्रदूषण की भी मार झेलने को मजबूर हैं। बृहस्पतिवार को दिल्ली में हवा की गति कम होने से वायु गुणवत्ता बेहद खराब श्रेणी में बरकरार रही। ऐसे में लोगों ने बेहद खराब हवा में सांस ली।
नई दिल्ली (आरएनआई) दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण के स्तर में कमी आने से गुरुवार को ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रैप) के चरण-4 के तहत प्रतिबंधों को हटा लिया गया है। कल शाम को दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक 396 था। इसी को देखते हुए वायु गुणवत्ता पर केंद्र के पैनल ने ग्रैप-4 की पाबंदियां लागू की थीं। अब ग्रैप-3 के तहत पाबंदियां लागू रहेंगी। जिसमें धूल पैदा करने वाली व वायु प्रदूषण फैलाने वाली सीएंडडी गतिविधियों पर सख्त प्रतिबंध रहेगा। इसके अलावा बोरिंग और ड्रिलिंग कार्यों सहित खुदाई और भराई के लिए मिट्टी का काम पर पाबंदी रहेगी।
ग्रैप तीन के तहत इन कार्य पर रहेगी पाबंदी
-पूरे एनसीआर में धूल पैदा करने वाली व वायु प्रदूषण फैलाने वाली सीएंडडी गतिविधियों पर सख्त प्रतिबंध रहेगा।
-बोरिंग और ड्रिलिंग कार्यों सहित खुदाई और भराई के लिए मिट्टी का काम।
-पाइलिंग कार्य, सभी विध्वंस कार्य।
-ओपन ट्रेंच सिस्टम द्वारा सीवर लाइन, पानी की लाइन, ड्रेनेज और इलेक्ट्रिक केबलिंग आदि बिछाना।
-ईंट/चिनाई कार्य।
-प्रमुख वेल्डिंग और गैस-कटिंग कार्य, हालांकि, एमईपी (मैकेनिकल, इलेक्ट्रिकल और प्लंबिंग) कार्यों के लिए छोटी वेल्डिंग गतिविधियों की अनुमति दी जाएगी।
-सड़क निर्माण गतिविधियां और प्रमुख मरम्मत।
-परियोजना स्थलों के भीतर व बाहर कहीं भी सीमेंट, फ्लाई-ऐश, ईंट, रेत, पत्थर आदि जैसी धूल पैदा करने वाली सामग्रियों का स्थानांतरण, लोडिंग/अनलोडिंग।
-कच्ची सड़कों पर निर्माण सामग्री ले जाने वाले वाहनों की आवाजाही।
-विध्वंस अपशिष्ट का कोई भी परिवहन।
ग्रैप-4 में थीं ये पाबंदियां
- दिल्ली के बाहर से आने वाले सभी ट्रकों के प्रवेश पर पाबंदी। हालांकि, जरूरी सामान लाने वाले व सीएनजी और इलेक्ट्रिक ट्रकों पर पाबंदी से छूट दी गई थी।
- दिल्ली में पंजीकृत मध्यम व भारी डीजल संचालित माल वाहनों पर प्रतिबंध। जरूरी सामान वाले वाहनों को थी छूट।
- एनसीटी दिल्ली व एनसीआर में डीजल चलित चार पहिया वाहनों पर थी रोक। हालांकि, आपातकालीन वाहनों को छूट दी गई थी। इस श्रेणी में केवल बीएस-6 वाहन चल सकते थे।
- एनसीआर में उद्योगों पर पाबंदी थी। जहां पीएनजी ईंधन की सुविधा नहीं थी और सरकार द्वारा अधिकृत सूची से बाहर के ईंधन के उपयोग पर थी रोक। हालांकि, दूध व डेयरी उत्पादों और मेडिकल उपकरणों से जुड़े उद्योगों को छूट दी गई थी।
- निर्माण व विध्वंस गतिविधियों पर रोक। इसके अलावा फ्लाईओवर, राजमार्ग, पुल व पाइपलाइन समेत अन्य गतिविधियों पर रोक।
- एनसीआर राज्य सरकारें सार्वजनिक, निगम और निजी दफ्तरों में 50 फीसदी क्षमता के साथ घरों से काम करने की छूट देने का था प्रावधान।
- राज्य सरकारें स्कूल व कॉलेज को बंद करने के साथ गैर आपातकालीन वाणिज्यिक गतिविधियों को बंद कर सकती थी।
- डीजल जनरेटर सेट पर प्रतिबंध
हवा की गति कम होने से वायु गुणवत्ता बेहद खराब श्रेणी में बरकरार
ठंड के प्रकोप के साथ लोग प्रदूषण की भी मार झेलने को मजबूर हैं। बृहस्पतिवार को हवा की गति कम होने से वायु गुणवत्ता बेहद खराब श्रेणी में बरकरार रही। ऐसे में लोगों ने बेहद खराब हवा में सांस ली। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 302 दर्ज किया गया, जोकि बेहद खराब श्रेणी में है। साथ ही, अधिकतर इलाकों में हवा बेहद खराब रही। विशेषज्ञों का कहना है कि प्रदूषकों के फैलाव के लिए मौसम संबंधी स्थितियां बेहद प्रतिकूल होने से स्थिति बिगड़ रही है।
एनसीआर में प्रदूषित शहर का एक्यूआई
दिल्ली - 302
गाजियाबाद - 195
नोएडा - 180
गुरुग्राम - 161
ग्रेटर नोएडा - 133
फरीदाबाद - 127
(नोट: आंकड़े सीपीसीबी के मुताबिक)
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