दिमागी बुखार से एक माह में चार राज्यों के 59 लोगों की मौत, जुलाई तक गुजरात में 140 मामले
देश में एन्सेफलाइटिस सिंड्रोम का खतरा तेजी से बढ़ रहा है। एक महीने में चार राज्यों में एन्सेफलाइटिस सिंड्रोम से 59 लोगों की मोत हो चुकी है।
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नई दिल्ली (आरएनआई) देश के चार राज्यों में बीते एक महीने के दौरान एन्सेफलाइटिस सिंड्रोम से 59 लोगों की मौत हुई। बृहस्पतिवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि एक्यूट एन्सेफलाइटिस सिंड्रोम (एईएस) के मामले काफी तेजी से बढ़े हैं। बीते जून माह से अब तक कुल 148 मामले सामने आए हैं, जिनमें 59 लोगों की मौत हुई है। गुजरात में 15 साल से कम उम्र के बच्चों में एईएस के मामले मिल रहे हैं।
बीते 31 जुलाई तक गुजरात के 24 जिलों में 140, मध्य प्रदेश से चार, राजस्थान में तीन और और महाराष्ट्र में एक मरीज मिला है। प्रभावित राज्यों में वर्तमान स्थिति की समीक्षा के लिए स्वास्थ्य सेवा महानिदेशक डॉ. अतुल गोयल की अध्यक्षता में हुई बैठक में अधिकारियों ने बताया कि 19 जुलाई से एईएस के दैनिक मामलों में गिरावट का रुझान दिखाई दे रहा है।
गुजरात में इससे बचने के लिए विभिन्न सार्वजनिक स्वास्थ्य उपाय किए जा रहे हैं। इनमें वेक्टर नियंत्रण के लिए कीटनाशक स्प्रे, आईईसी, चिकित्सा कर्मियों का संवेदीकरण और समय पर मरीजों को बड़े अस्पताल रेफर करना शामिल है।
महामारी विज्ञान जांच करने में गुजरात की सहायता के लिए राष्ट्रीय संयुक्त प्रकोप प्रतिक्रिया टीम (एनजेओआरटी) का गठन किया है। साथ ही पड़ोसी राज्यों को एईएस से निपटने के लिए एक संयुक्त सलाह जारी की है।
पारंपरिक चिकित्सा को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार ने नया मास्टर प्लान तैयार किया है। इसके तहत अगले आठ साल में भारत आयुर्वेद से लेकर होम्योपैथी और यूनानी चिकित्सा को लेकर करीब 711 करोड़ रुपये खर्च करेगी। इसके लिए भारत सरकार की ओर से जेनेवा में प्रतिनिधिमंडल ने विश्व स्वास्थ्य संगठन के साथ हस्ताक्षर समझौता भी किया। केंद्रीय आयुष मंत्रालय ने बताया कि यह समझौता साल 2032 तक सक्रिय रहेगा। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने जारी एक बयान में कहा है कि डब्ल्यूएचओ-भारत दाता समझौता डब्ल्यूएचओ ग्लोबल सेंटर ऑफ ट्रेडिशनल मेडिसिन की स्थापना के समर्थन में भारत से 250 मिलियन अमेरिकी डॉलर के निवेश का हिस्सा है।
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