थरूर ने मुंबई और पठानकोट हमलों को बताया विश्वासघात, कहा- पाकिस्तान से निरंतर संवाद असंभव
कांग्रेस नेता शशि थरूर ने 26/11 मुंबई और पठानकोट आतंकी हमलों को विश्वासघात करार दिया। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के साथ निर्बाध वार्ता अब संभव नहीं है। उनका कहना था कि ऐसे संवेदनशील समय में बातचीत जारी रखना मुश्किल है।
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नई दिल्ली (आरएनआई) कांग्रेस नेता शशि थरूर ने सोमवार को 26/11 मुंबई और पठानकोट आतंकी हमलों को विश्वासघात करार दिया। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के साथ निर्बाध वार्ता अब संभव नहीं है। उनका कहना था कि ऐसे संवेदनशील समय में बातचीत जारी रखना मुश्किल है, क्योंकि हमलों के बाद कोई इसे नजरअंदाज नहीं कर सकता। उन्होंने लोगों के बीच आपसी संबंधों को बढ़ावा देने की भी वकालत की।
थरूर ने यह बात एक पुस्तक विमोचन कार्यक्रम में विदेशी संवाददाता क्लब (एफसीसी) में आयोजित संवाद के दौरान कही। उन्होंने कहा कि उन्होंने अपने जीवन के अधिकतर समय में शांति की वकालत की, लेकिन वास्तविकता ने उन्हें धोखा दिया है। हालांकि थरूर ने ये भी कहा कि बातचीत न करना भी कोई नीति नहीं है।
कांग्रेस नेता शशि थरूर ने आगे कुछ साल पहले विदेश मामलों की संसदीय समिति की अध्यक्षता करते हुए एक पुरानी रिपोर्ट का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि अगर पाकिस्तान के साथ रिश्ते अच्छे करने है तो एक उपाय यह हो सकता है कि ज्यादा वीजा दिए जाएं।
थरूर ने उस समय की समिति की सिफारिश का हवाला देते हुए कहा कि पाकिस्तान और भारत के बीच रिश्तों में जो अविश्वास था, वह पिछले वर्षों में हुई घटनाओं के कारण पूरी तरह से उचित था। लेकिन इसके बावजूद, उन्होंने लोगों के बीच संबंधों को सुधारने के लिए वीजा खोलने की वकालत की थी।
थरूर ने यह भी कहा कि पाकिस्तान में शांति बनाने के लिए इस कदम को भारत के रणनीतिक हितों के लिए फायदेमंद माना गया था। उन्होंने यह भी बताया कि उन्होंने अब तक किसी पाकिस्तानी से नहीं सुना जो भारत आकर हमारे देश से प्यार न करता हो, हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि कुछ लोग आधिकारिक रूप से नफरत करते हैं। साथ ही थरूर ने यह माना कि आम पाकिस्तानी पर्यटक, गायक, संगीतकार, और खिलाड़ी भारत को बहुत पसंद करते हैं और वे वापस आना चाहते हैं।
इसके साथ ही थरूर ने विदेश मंत्री एस जयशंकर के उस बयान से सहमति जताई, जिसमें जयशंकर ने कहा था कि पाकिस्तान के साथ निर्बाध बातचीत का युग खत्म हो चुका है, लेकिन भारत हमेशा प्रतिक्रिया देने के लिए तैयार है। थरूर ने इस पर सहमति जताते हुए कहा कि पाकिस्तान की कार्रवाइयों के कारण भारत को सख्त रुख अपनाने पर मजबूर होना पड़ा।
मौजूदा केंद्र सरकार का कहना है कि आतंकवाद और बातचीत एक साथ नहीं चल सकते। 26/11 मुंबई हमला 2008 में हुआ था, जबकि पठानकोट आतंकी हमला 2016 में हुआ था, और सरकार के अनुसार इन हमलों के बाद पाकिस्तान के साथ बातचीत को आगे बढ़ाना मुश्किल है।
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