त्रिलोचन की कविता में मिलती है गांव की खुशबू - ज्ञानेन्द्र विक्रम सिंह रवि
सुलतानपुर, (आरएनआई) त्रिलोचन के काव्य में हमें गांव की खुशबू मिलती है । साथ ही किसान और मजदूरों का दर्द भी सुनाई देता है । उनकी कविता में आम आदमी के जीवन के विविध रंग दिखते हैं। देश भर में भ्रमण करने वाले त्रिलोचन का मन सुलतानपुर की लोक संस्कृति से गहराई से जुड़ा था । यह बातें राणा प्रताप स्नातकोत्तर महाविद्यालय के असिस्टेंट प्रोफेसर ज्ञानेन्द्र विक्रम सिंह रवि ने कहीं।
वह कवि त्रिलोचन की पुण्यतिथि पर महाविद्यालय में हिन्दी विभाग द्वारा आयोजित विद्यार्थी संगोष्ठी को बतौर मुख्य वक्ता सम्बोधित कर रहे थे।
संगोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए विभागाध्यक्ष डॉ इन्द्रमणि कुमार ने कहा कि अवध के लोक जीवन की जानकारी त्रिलोचन की कविता से हो जाती है। उनकी भाषा सहज और बोधगम्य है।
एसोसिएट प्रोफेसर डॉ रंजना पटेल ने बताया कि त्रिलोचन आधुनिक हिन्दी कविता में सानेट के जन्मदाता हैं। प्रगतिशील काव्य धारा के तीन प्रमुख कवियों में उनका नाम विशेष है।
स्वागत व आभार डॉ.विभा सिंह तथा संचालन डॉ ज्ञानेन्द्र प्रताप सिंह ने किया।
संगोष्ठी में इन्द्रकुमार भारती, आकांक्षा सिंह, आशुतोष पाण्डेय, वैभव आदि विद्यार्थियों ने भी अपने विचार व्यक्त किए ।
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