तीन बार वित्त मंत्री रहे इशाक डार बने विदेश मंत्री
प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने सोमवार को अपनी कैबिनेट में 19 सदस्यों को शामिल किया। इसी के साथ नकदी संकट से जूझ रहे देश में सरकार गठन को लेकर इंतजार खत्म हो गया। अगर हम इशाक डार की बात करें तो वह पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज के वरिष्ठ नेता हैं।
इस्लामाबाद (आरएनआई) पाकिस्तान में सियासी हलचल जारी है। यहां घरेलू और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तमाम परेशानियां बनी हुई हैं। इनसे निपटने के लिए अब नई सरकार ने कमर कस ली है। इसलिए चार बार रहे वित्त मंत्री इशाक डार को यहां के विदेश मंत्री के रूप में नियुक्त किया गया है।
प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने सोमवार को अपनी कैबिनेट में 19 सदस्यों को शामिल किया। इसी के साथ नकदी संकट से जूझ रहे देश में सरकार गठन को लेकर इंतजार खत्म हो गया। अगर हम इशाक डार की बात करें तो वह कश्मीरी मूल के हैं। पेशे से चार्टर्ड अकाउंटेंट और पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के वरिष्ठ नेता हैं। वह पार्टी प्रमुख और तीन बार प्रधानमंत्री रह चुके नवाज शरीफ के विश्वासपात्र भी माने जाते हैं।
पाकिस्तान के अपने पड़ोसी भारत के साथ-साथ अफगानिस्तान के साथ संबंध काफी खराब चल रहे हैं। ऐसे में विदेश मामलों में कम अनुभव रखने वाले डार को महत्वपूर्ण पद दिया गया है। ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि इस कदम से शायद संबंधों में बदलाव आ जाएं।
भारत द्वारा जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त करने और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित करने के बाद अगस्त 2019 में दोनों पक्षों ने व्यापारिक संबंध तोड़ लिए थे। एक-दूसरे की राजधानी में राजनयिक उपस्थिति कम कर दी थी। व्यापारिक संबंध खत्म होने की वजह से पाकिस्तान को नुकसान उठाना पड़ा। इसकी वजह यह थी कि वह भारत से सस्ती दरों पर कई वस्तुओं और कच्चे माल का आयात करता था। वित्त मंत्री होने के नाते डार उनके साथ आर्थिक संबंधों के पक्षधर थे, लेकिन कश्मीर मुद्दे के कारण यह संभव नहीं हो सका था।
इस साल कश्मीर एकजुटता दिवस पर पांच फरवरी को किए गए एक ट्वीट में डार ने कहा कि पाकिस्तान अपने कश्मीरी भाइयों के आत्मनिर्णय के अधिकार के लिए उनके संघर्ष के लिए अपने राजनीतिक, नैतिक और कूटनीतिक समर्थन के लिए प्रतिबद्ध है, जैसा कि संयुक्त राष्ट्र चार्टर और प्रासंगिक संयुक्त राष्ट्र प्रस्तावों में निहित है।
भारत ने पाकिस्तान से बार-बार कहा है कि जम्मू कश्मीर उसका अभिन्न हिस्सा था, है और हमेशा रहेगा। भारत ने पाकिस्तान से कहा है कि वह आतंक, शत्रुता और हिंसा से मुक्त वातावरण में उसके साथ सामान्य संबंध चाहता है। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सोमवार को नई दिल्ली में इस रुख को दोहराया।
उन्होंने कहा, 'हमने पाकिस्तान के साथ बातचीत के लिए अपने दरवाजे कभी बंद नहीं किए हैं, लेकिन आतंकवाद का मुद्दा निष्पक्ष होना चाहिए। यह मुख्य मुद्दा है, मैं यह नहीं कह रहा हूं कि कोई अन्य मुद्दे नहीं हैं। लेकिन मैं केवल बात करने के लिए इस मुद्दे को अनदेखा नहीं करने वाला हूं।
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