तीन दिन की छुट्टी के बाद झूमकर खुला शेयर बाजार; सेंसेक्स 1700 अंक उछला, निफ्टी में भी तेजी
इससे पहले अमेरिका की ओर से दुनियाभर के देशों के खिलाफ लगाए गए जवाबी टैरिफ को इस साल 9 जुलाई तक टालने के बाद घरेलू शेयर बाजार में हफ्ते के आखिरी कारोबारी दिन रिकवरी दिखी थी। शुक्रवार को बेंचमार्क सेंसेक्स 1,310 अंक चढ़कर बंद हुआ, जबकि निफ्टी 22,900 के स्तर से ऊपर पहुंच गया था।

मुंबई (आरएनआई) घरेलू शेयर बाजार तीन दिन की छुट्टी के बाद मंगलवार को सकारात्मक रुख के साथ खुला। इस दौरान सेंसेक्स और निफ्टी में जबरदस्त तेजी देखी गई। शुरुआती कारोबार में सेंसेक्स 1,750.37 अंक उछलकर 76,907.63 अंक पर पहुंचा, जबकि निफ्टी 539.8 अंक बढ़कर 23,368.35 अंक पर कारोबार करता दिखा।
वैश्विक आशावाद और व्यापार तनाव कम होने की उम्मीदों के बीच मंगलवार को भारतीय शेयर बाजार मजबूती के साथ खुले। यह तेजी अमेरिकी सरकार के हालिया बयानों और टैरिफ पर रोक से जुड़ी कार्रवाइयों के बाद आई। टैरिफ में संभावित राहत के संकेत के बीच निफ्टी 50 इंडेक्स 539.80 अंक या 2.36 फीसदी से अधिक उछलकर 23,368.35 अंक पर खुला, जबकि बीएसई सेंसेक्स 1,679.20 अंक या 2.23 फीसदी बढ़कर 76,836.46 अंक पर खुला।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से सेमीकंडक्टर और इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्रों में और अधिक व्यापार रियायतों के एलान के संकेतों से बाजार की धारणा में सुधार हुआ। बैंकिंग और मार्केट एक्सपर्ट अजय बग्गा ने बताया कि भारतीय बाजार आज सकारात्मकता देखने के लिए दृढ़ हैं। ट्रंप टैरिफ टैंट्रम्स का सबसे बुरा दौर शायद खत्म हो गया है। कम से कम 90 दिनों के लिए तो ऐसा ही है।
अमेरिकी सीमा शुल्क ने हाल ही में सेमीकंडक्टर सहित प्रमुख उपभोक्ता और औद्योगिक इलेक्ट्रॉनिक्स पर अस्थायी टैरिफ छूट की घोषणा की है। रविवार को अमेरिकी वाणिज्य सचिव ने स्पष्ट किया कि राहत अस्थायी है। ट्रंप ने एक पोस्ट में यह भी पुष्टि की कि ये उपाय अल्पकालिक हैं। उन्होंने कहा कि अगले सप्ताह नए सेमीकंडक्टर टैरिफ की घोषणा की जा सकती है।
वैश्विक बाजारों ने भी इन घटनाक्रमों पर सकारात्मक प्रतिक्रिया दी। सोमवार को एशियाई, यूरोपीय और अमेरिकी बाजार सभी उच्च स्तर पर बंद हुए। प्री-मार्केट ट्रेडिंग में यूएस बिग टेक कंपनियों ने 6 फीसदी से अधिक की बढ़त देखी। इस बीच भारतीय निवेशकों ने बाजार में विश्वास दिखाना जारी रखा। मार्च में नकदी की कमी के बावजूद भारतीय एसआईपी निवेशकों ने इक्विटी म्यूचुअल फंड में 25,000 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश किया, जिससे बाजारों को मजबूत समर्थन मिला। 11 अप्रैल को पिछले सत्र में विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) शुद्ध विक्रेता थे, जिन्होंने 2,519 करोड़ रुपये निकाले, जबकि घरेलू संस्थागत निवेशक (डीआईआई) शुद्ध खरीदार बने रहे, जिन्होंने 3,759 करोड़ रुपये का निवेश किया।
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