तिरुपति लड्डू विवाद की जांच कर रही एसआईटी पहुंची श्री वेंकटेश्वर मंदिर

भगवान तिरुपति के प्रसादम बनाने में घटिया सामग्री का इस्तेमाल किए जाने के आरोपों की जांच कर रही एसआईटी टीम श्री वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर पहुंची। इस दौरान उसने मंदिर के विभिन्न हिस्सों का निरीक्षण किया। 

Dec 14, 2024 - 11:00
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तिरुपति लड्डू विवाद की जांच कर रही एसआईटी पहुंची श्री वेंकटेश्वर मंदिर

तिरुमाला (आरएनआई) आंध्र प्रदेश में छह सदस्यीय विशेष जांच दल (एसआईटी) ने पिछली वाईएसआरसीपी सरकार के दौरान श्री वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर के लड्डू प्रसाद में मिलावट के आरोपों की जांच शुरू कर दी है। इसी क्रम में, शनिवार सुबह टीम श्री वेंकटेश्वर मंदिर का निरीक्षण करने पहुंची।

उसने मंदिर के विभिन्न हिस्सों और यहां तक कि रसोई की भी जांच की, जहां पवित्र तिरुमाला श्रीवारी लड्डू प्रसादम बनाया जाता है। वहीं, एसआईटी ने आटा मिल और प्रयोगशाला का निरीक्षण किया, जहां लड्डुओं की गुणवत्ता जांच की जाती है। 

तीन हफ्ते पहले पवित्र प्रसाद में इस्तेमाल किए गए घी में मिलावट की जांच करने के लिए एक एसआईटी टीम तिरुपति आई थी। टीम तिरुपति और तिरुमाला में विस्तृत जांच कर रही थी। जांच का उद्देश्य मिलावट मामले के बारे में पूरी जानकारी जुटाना है।

आंध्र के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने दो दिन पहले लैब रिपोर्ट के हवाले से दावा किया था कि, मंदिर के प्रसादम में प्रयोग होने वाले शुद्ध घी में जानवरों की चर्बी मिली हुई है। भगवान तिरुपति के प्रसादम बनाने में घटिया सामग्री का इस्तेमाल किया गया है। लड्डुओं में घी के बजाय जानवरों की चर्बी का उपयोग किया गया। ये मिलावट पिछली सरकार के दौरान दिए गए घी के ठेके के चलते हुई है। सीएम ने कहा था कि इस भ्रष्टाचार में शामिल किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा। इस मामले में सरकार की ओर से कई लोगों के खिलाफ एक्शन भी लिया जा चुका है।

आंध्र में जून में सत्ता परिवर्तन हुआ था। जिसके बाद चंद्रबाबू नायडू की पार्टी सत्ता में वापस आई है। मुख्यमंत्री का पद संभालने के बाद चंद्रबाबू नायडू ने मंदिर के लड्डुओं में मिलावट की आशंका जाहिर की थी। जिसके बाद मंदिर प्रशासन ने सप्लाई किए गए घी के सैंपल लेकर जांच के लिए गुजरात स्थित डेयरी विकास बोर्ड (NDDB) की लैब 'सेंटर ऑफ एनालिसिस एंड लर्निंग इन लाइव स्टॉक एंड फूड' (CALF) भेजे थे। जिसके बाद लैब की रिपोर्ट में चौंकाने वाले खुलासे हुए।

एनडीडीबी लैब की रिपोर्ट से पता चला कि शुद्ध घी में शुद्ध दूध में वसा की मात्रा 95.68 से लेकर 104.32 तक होना चाहिए था। लेकिन सैंपल्स में मिल्क फैट की वेल्यू 20 ही पाई गई थी। जिससे इस मिलावटी घी के बारे में खुलासा हुआ। जिसके बाद बड़ा विवाद उठ खड़ा हुआ। लैब की रिपोर्ट के मुताबिक इन सैंपल में सोयाबीन, सूरजमुखी, जैतून का तेल, गेंहू, मक्का, कॉटन सीड, मछली का तेल, नारियल, पाम ऑयल, बीफ टैलो, लार्ड जैसे तत्व पाए गए हैं। इस घी को चेन्नई की AR डेयरी एंड एग्रो प्रोडक्ट्स नाम की कंपनी ने सप्लाई किया था।

कंपनी को सरकार की ओर से बैन कर दिया गया है। हालांकि कंपनी ने इस मामले पर सफाई देते हुए कहा था कि, जून-जुलाई में जो घी हमने भेजा था। उसका सैंपल टेस्ट एफएसएसएआई और एगमार्क ने कलेक्ट किया था। टीटीडी की लैब में भी हमारा सैंपल पास हुआ था। मेरे घी में किसी भी तरह की कोई मिलावट नहीं है। बाद में, सुप्रीम कोर्ट ने लड्डू प्रसादम मुद्दे की सीबीआई के नेतृत्व में जांच का आदेश दिया।

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