तिरुपति प्रसाद विवाद पर बागेश्वर धाम के धीरेंद्र शास्त्री का बड़ा बयान, कहा – “यह सनातनियों के खिलाफ सुनियोजित षड्यंत्र है”
छतरपुर (आरएनआई) तिरुपति बालाजी मंदिर में प्रसाद में मिलावट के मामले में प्रसिद्द बागेश्वर धाम के प्रमुख धीरेंद्र शास्त्री ने बड़ा बयान दिया है। दरअसल उन्होंने इस घटना को सनातन धर्म के अनुयायियों के खिलाफ एक सुनियोजित षड्यंत्र करार दिया है। वहीं इसके साथ ही उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया है कि यह सिर्फ एक धार्मिक अपराध नहीं, बल्कि भारत के सनातनी हिंदुओं के खिलाफ की गई एक बड़ी साजिश है।
जानकारी दे दें कि, तिरुपति बालाजी मंदिर में जो प्रसाद के रूप में लड्डू बांटे जाते हैं, उनमें कथित तौर पर जानवरों की चर्बी और मछली का तेल मिलाए जाने की एक रिपोर्ट सामने आई थी। जिसके बाद पूरे देश में इसे लेकर चर्चा छिड़ गई है। वहीं अब इसे लेकर धीरेंद्र शास्त्री ने कहा है कि, “अगर यह जानकारी सही है, तो यह एक गंभीर अपराध है और इससे बड़ा दुर्भाग्य भारत के लिए और कुछ नहीं हो सकता।”
सनातन धर्म के खिलाफ साजिश
दरअसल धीरेंद्र शास्त्री ने इस घटना को सनातन धर्म के खिलाफ एक षड्यंत्र बताया है। वहीं उन्होंने आरोप लगाया है कि यह साजिश धर्म को भ्रष्ट करने और हिंदू अनुयायियों को उनके विश्वास से भटकाने के लिए रची गई है। पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने कहा है कि, “इस प्रकार का कृत्य करके भारत के सनातनियों का धर्म भ्रष्ट करने की साजिश की जा रही है। यह एक बहुत बड़ा षड्यंत्र है, जिसे सुनियोजित तरीके से अंजाम दिया जा रहा है।”
दोषियों को सख्त सजा की मांग
इसके साथ ही अब पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने केंद्र और राज्य सरकार से इस मामले की बारीकी से जांच करने और दोषियों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है। दरअसल उन्होंने कहा है कि, “हम तो यह चाहते हैं कि वहाँ की सरकार दोषियों को फांसी की सजा दे। अगर भगवान के प्रसाद में जानवरों की चर्बी या मछली के तेल का प्रयोग किया गया है, तो इससे बड़ा दुर्भाग्य वर्तमान में भारत में कोई दूसरा नहीं हो सकता।”
सरकार हिंदू मंदिरों को हिंदू बोर्ड के आधीन करे
दरअसल धीरेंद्र शास्त्री ने आगे कहा है कि यह समय है कि सरकार हिंदू मंदिरों को हिंदू बोर्ड के नियंत्रण में कर दे। जानकारी के मुताबिक उन्होंने कहा है कि इस प्रकार की घटनाओं से बचने के लिए यह जरूरी है कि हिंदू मंदिरों का प्रबंधन हिंदुओं के हाथों में हो, ताकि सनातन धर्म और उसके अनुयायियों की भावनाओं के साथ खिलवाड़ न हो। उन्होंने कहा, “अब सरकार को शीघ्रता से यह कदम उठाना चाहिए और हिंदू मंदिरों को हिंदू बोर्ड के तहत लाना चाहिए।”
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