तालिबान शासन में बढ़ते भेदभाव के बीच महिलाओं की स्थिति सुधारने में लगा एनजीओ
पुरस्कार स्वीकार करने के बाद महबूबा सिराज ने कहा कि वह इस पुरस्कार को वह अपने घर ले जा रही है और इन रुपये एक ऐसे प्रोजेक्ट में लगाने वाली है जहां सभी महिलओं को शामिल किया जाएगा।
टाम्परे, (आरएनआई) फिनलैंड में सोमवार को अफगानिस्तान के एक एनजीओ को अंतरराष्ट्रीय लैंगिग समानता पुरस्कार 2023 से सम्मानित किया गया है। दरअसल, यह एनजीओ अफगानिस्तान में महिलाओं के अधिकारों को बढ़ावा देने के साथ उनके अधिकारों की रक्षा करता है।
तालिबान के सत्ता में आने के बाद अफगानिस्तान ने एक ऐसे देश का उदाहरण पेश किया, जहां महिलाओं के अधिकारों को दबा दिया गया है। लड़कियों को माध्यमिक शिक्षा और महिलाओं को उच्च शिक्षा से वंचित कर दिया गया है। फिनलैंड के प्रधानमंत्री पेटेरी ओर्पो भी इस कार्यक्रम में शामिल हुए। उन्होंने अफगानिस्तान के इस एनजीओ के प्रतिनिधि महबूबा सिराज को 300,000 यूरो का पुरस्कार प्रदान किया।
इस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए फिनलैंड के प्रधानमंत्री ओर्पो ने कहा, 'फिनलैंड पिछले 20 वर्षों से अफगानिस्तान में लैंगिक समानता और महिलाओं के अधिकारों की रक्षा के लिए काम करता रहा है। आज भी इस परिस्थिति में हम उनका साथ देंगे। फिनलैंड अफगान की महिलाओं को नहीं भूलेगा।
पुरस्कार स्वीकार करने के बाद महबूबा सिराज ने कहा, 'इस पुरस्कार को मैं अपने घर ले जा रही हूं। इन पैसों को मैं उस प्रोजेक्ट में लगाने वाली हूं, जिसमें सभी महिलाओं को शामिल किया जाएगा। यह पुरस्कार मुझे ऐसे देश से मिला जहां लैंगिक समानता है।
साल 2021 में यह पुरस्कार वी विल स्टॉप फेमिसाइड (हम स्त्री हत्या को रोकेंगे प्लेटफॉर्म) प्लेटफॉर्म को दिया गया था। तुर्किये का ये संस्थान जमीनी स्तर पर महिलाओं के साथ हो रहे अत्याचार को रोकने के लिए काम करता है।
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