तमिलनाडु विधानसभा अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव गिरा; पक्ष में 62 तो विरोध में 154 मत पड़े
तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन ने विधानसभा अध्यक्ष अप्पावु के खिलाफ एआईएडीएमके द्वारा लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर कहा, 'विधानसभा अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर लोग हंसेंगे। आज इस प्रस्ताव के जरिए लोगों को पता चलेगा कि अध्यक्ष कैसे काम करते हैं। अध्यक्ष का काम हमेशा निष्पक्ष रहा है। इसलिए हमने उन्हें अध्यक्ष घोषित किया। वह हमारी सरकार या पार्टी के प्रभाव के बिना काम करते हैं।

चेन्नई (आरएनआई) तमिलनाडु में विधानसभा अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव गिर गया है। विधानसभा में 62 सदस्यों ने तमिलनाडु विधानसभा अध्यक्ष एम. अप्पावु के खिलाफ एआईएडीएमके द्वारा लाए गए अविश्वास प्रस्ताव का समर्थन किया। इसके उलट 154 सदस्यों ने इसका विरोध किया। अप्पावु की अनुपस्थिति में उपाध्यक्ष के. पिचंडी ने सदन की कार्यवाही का संचालन किया। विपक्षी पार्टी ने आरोप लगाया था कि अध्यक्ष अप्पावु कार्यवाही के दौरान पक्षपातपूर्ण थे। उन्होंने तमिलनाडु विधानसभा के अंदर डीएमके कार्यकर्ता की तरह काम किया।
इससे पहले तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन ने विधानसभा अध्यक्ष अप्पावु के खिलाफ एआईएडीएमके द्वारा लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर कहा, 'विधानसभा अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर लोग हंसेंगे। आज इस प्रस्ताव के जरिए लोगों को पता चलेगा कि अध्यक्ष कैसे काम करते हैं। अध्यक्ष का काम हमेशा निष्पक्ष रहा है। इसलिए हमने उन्हें अध्यक्ष घोषित किया। वह हमारी सरकार या पार्टी के प्रभाव के बिना काम करते हैं।
स्टालिन ने कहा कि मैं अध्यक्ष की कार्यवाही से खुश हूं। चूंकि सरकार में कोई दोष खोजने का मौका नहीं है, इसलिए ऐसे प्रस्ताव लाए जाते हैं। यह विधानसभा इस प्रस्ताव को स्वीकार नहीं करेगी।
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के नेतृत्व वाली राज्य की द्रविड़ मुन्नेत्र कषगम (द्रमुक) सरकार ने बीते शुक्रवार को विधानसभा में अपना बजट 2025-26 पेश किया था। द्रमुक सरकार ने बजट में महिलाओं के लिए किराया-मुक्त बस यात्रा योजना सहित अपनी प्रमुख कल्याणकारी योजनाओं के लिए बड़े आवंटन किए और महिलाओं के नाम पर पंजीकृत होने वाली अचल संपत्तियों के रजिस्ट्री शुल्क में एक प्रतिशत की कटौती की घोषणा की थी।
मुख्य विपक्षी दल अखिल भारतीय अन्ना द्रविड़ मुन्नेत्र कषगम (अन्नाद्रमुक) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने ऋण को लेकर सरकार की आलोचना की। इससे पहले विधानसभा में उस समय हंगामा देखने को मिला, जब मुख्य विपक्षी दल अन्नाद्रमुक ने राज्य संचालित ‘तमिलनाडु स्टेट मार्केटिंग कॉरपोरेशन लिमिटेड’ (टीएएसएमएसी) में 1000 करोड़ रुपये के कथित भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाने का प्रयास करने के बाद सदन से बहिर्गमन किया था।
विपक्ष के नेता ई.के. पलानीस्वामी के नेतृत्व में उनकी पार्टी के विधायकों ने बहिर्गमन किया था। पलानीस्वामी ने संवाददाताओं से कहा था कि अन्नाद्रमुक ने द्रमुक सरकार से टीएएसएमएसी घोटाले के लिए नैतिक जिम्मेदारी लेने और इस्तीफा देने के लिए कहा और इस मुद्दे पर बहिर्गमन किया। भाजपा सदस्यों ने भी इसी तरह के मुद्दे पर बहिर्गमन किया और रुपये का चिह्न बदलने के सरकार के कदम का विरोध किया।
Follow RNI News Channel on WhatsApp: https://whatsapp.com/channel/0029VaBPp7rK5cD6X
What's Your Reaction?






