तमिलनाडु रेल हादसा: 'सरकार के जागने से पहले कितने और परिवार होंगे खत्म', राहुल गांधी का केंद्र पर फूटा गुस्सा

तमिलनाडु में शुक्रवार को 75 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से आ रही एक्सप्रेस ट्रेन मुख्य लाइन में जाने के बजाय लूप लाइन से टकरा गई थी। इस हादसे में कई यात्री घायल हो गए और एक कोच में आग लग गई।

Oct 12, 2024 - 12:10
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तमिलनाडु रेल हादसा: 'सरकार के जागने से पहले कितने और परिवार होंगे खत्म', राहुल गांधी का केंद्र पर फूटा गुस्सा

नई दिल्ली (आरएनआई) मैसूर से दरभंगा जा रही बागमती एक्सप्रेस (12578) तमिलनाडु के कावरापेट्टई स्टेशन के पास शुक्रवार को मालगाड़ी से टकरा गई थी। इस हादसे में कई लोग घायल हुए हैं। वहीं, ट्रेन हादसे पर सियासी बवाल शुरू हो गया है। लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने केंद्र पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि कई दुर्घटनाओं में सैकड़ों जान जाने के बावजूद कोई सबक नहीं सीखा गया है। 

तमिलनाडु में शुक्रवार को 75 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से आ रही एक्सप्रेस ट्रेन मुख्य लाइन में जाने के बजाय लूप लाइन से टकरा गई थी। इस हादसे में कई यात्री घायल हो गए और एक कोच में आग लग गई।

राहुल गांधी ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर कहा, 'मैसूर-दरभंगा ट्रेन दुर्घटना भयावह ओडिशा के बालासोर की दुर्घटना को दिखाती है, जहां एक यात्री ट्रेन एक खड़ी मालगाड़ी से टकरा गई थी। कई दुर्घटनाओं में कई लोगों की जान जाने के बावजूद, कोई सबक नहीं सीखा गया है। इसकी जवाबदेही शीर्ष को देनी चाहिए। इस सरकार के जागने से पहले कितने और परिवार बर्बाद होंगे।

कांग्रेस महासचिव प्रियंता गांधी वाड्रा ने भी ट्रेन हादसे को लेकर केंद्र की आलोचना की। उन्होंने वाट्सएप चैनल पर कहा, 'देश में ट्रेन दुर्घटनाएं इतनी आम हो गई हैं कि एक के बाद एक होने के बावजूद सरकार द्वारा न तो कोई जवाबदेही तय की जा रही है और न ही कोई कार्रवाई की जा रही है।

उन्होंने आगे कहा कि देश के करोड़ों आम लोग अपनी जान जोखिम में डालकर भय व अराजकता के पहियों पर चलने वाली ट्रेनों में सफर करने को मजबूर हैं, क्योंकि सुरक्षित ट्रेन यात्रा की जिम्मेदारी से सरकार ने मुंह मोड़ लिया है। उन्होंने यह भी कहा कि तमिलनाडु में मैसूर-दरभंगा एक्सप्रेस के साथ बालासोर जैसा हादसा फिर हुआ है। महीनों चलने वाला यह सिलसिला कब रुकेगा? जवाबदेही कब तय की जाएगी।

डीएमके नेता टीकेएस एलंगोवन ने कहा, 'आजकल कई रेल हादसे हो रहे हैं। 60 के दशक की शुरुआत में जब अरियालुर में एक दुर्घटना हुई, तो रेल मंत्री ने इस्तीफा दे दिया।  उस समय उन्होंने रेल हादसे को इसी तरह देखा था। मगर आज, रेल दुर्घटनाएं बहुत आम हो गई हैं और कोई भी रेल लाइनों के रखरखाव के लिए उचित कदम उठाने की परवाह नहीं करता है। एक घटना में, रिपोर्ट में कहा गया है कि जो लोग दक्षिण रेलवे या चेन्नई में काम कर रहे हैं उन्हें तमिल का कोई ज्ञान नहीं है और इसलिए संचार की स्थिति खराब हो गई है। वह एक उत्तर भारतीय थे, इसलिए तमिल में दिए गए निर्देशों को समझ नहीं पाए और इसलिए रेल दुर्घटना हो गई। हमें पता लगाना चाहिए कि ऐसा क्यों हुआ।

रेलवे बोर्ड ने कहा है कि चेन्नई रेल डिवीजन में पोन्नेरी-कावारपेट्टई खंड में यात्री-मालगाड़ी की टक्कर में अब तक किसी के हताहत होने की खबर नहीं है। रेलवे बोर्ड के सूचना एवं प्रचार विभाग के कार्यकारी निदेशक दिलीप कुमार ने दुर्घटना के तुरंत बाद कहा, 'हमें चेन्नई मंडल के कावारपेट्टई स्टेशन पर बागमती एक्सप्रेस और मालगाड़ी के बीच टक्कर की सूचना मिली। बचाव और राहत दल तुरंत दुर्घटनास्थल पर पहुंच गया।

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