'तमिलनाडु युवा कांग्रेस का सदस्यता अभियान भ्रामक', कार्ति चिदंबरम ने राष्ट्रीय प्रभारी को लिखा पत्र
कांग्रेस सांसद कार्ति चिदंबरम ने आरोप लगाया कि आईवाईसी के लिए सदस्यता शुल्क का भुगतान असली सदस्यों द्वारा नहीं, बल्कि ताकतवर लोग और क्षेत्रीय नेताओं द्वारा किया जाता है, जो चुनावी प्रक्रिया में हेरफेर करते हैं। इससे पार्टी में उन लोगों को नुकसान होता है जो वर्षों से मेहनत कर रहे हैं।
चेन्नई (आरएनआई) कांग्रेस सांसद कार्ति चिदंबरम ने तमिलनाडु में युवा कांग्रेस के सदस्यता अभियान पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने भारतीय युवा कांग्रेस (आईवाईसी) के राष्ट्रीय प्रभारी अल्लावरु को पत्र लिखकर ऑनलानइन सदस्यता पंजीकरण प्रक्रिया को भ्रामक बताया।
सांसद चिदंबरम ने एआईसीसी प्रभारी अल्लावरु को लिखे पत्र में कहा कि वर्तमान ऑनलाइन सदस्यता पंजीकरण प्रक्रिया केवल एक धोखा है। यह 'ड्राइव' किसी छलावा ऑपरेशन से कम नहीं है। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि 2010 में तमिलनाडु युवा कांग्रेस ने 13,32,912 सदस्यों का दावा किया था, जबकि 2021 तक यह संख्या आठ लाख से अधिक बताई गई। उनके अनुसार, यह संख्या अवास्तविक और भ्रमित करने वाली है, क्योंकि 2014 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को केवल 17,50,990 वोट मिले थे। उन्होंने यह सवाल उठाया कि अगर ये ऑनलाइन सदस्य सच में सक्रिय होते, तो चुनाव के दौरान उनकी भागीदारी कहां थी? इसका मतलब यह है कि ये सदस्यता संख्या भ्रामक और गलत है।
कांग्रेस सांसद कार्ति ने यह भी आरोप लगाया कि आईवाईसी के लिए सदस्यता शुल्क का भुगतान असली सदस्यों द्वारा नहीं, बल्कि ताकतवर लोग और क्षेत्रीय नेताओं द्वारा किया जाता है, जो चुनावी प्रक्रिया में हेरफेर करते हैं। इससे पार्टी में उन लोगों को नुकसान होता है जो वर्षों से मेहनत कर रहे हैं।
उन्होंने आगे ऑनलाइन सदस्यों के लिए एक मजबूत सत्यापन प्रक्रिया की कमी पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि ऑनलाइन सदस्यता प्रणाली में सत्यापन की कमी है, जिससे कोई भी पार्टी के प्रति सच्ची निष्ठा के बिना सदस्य बन सकता है। उन्होंने कहा, 'अगर कोई पार्टी के मूल्यों के प्रति वास्तविक प्रतिबद्धता के बिना साइन अप कर सकता है, तो कौन इसे रोक सकता है? हम इन सदस्यों से पार्टी की गतिविधियों में योगदान की उम्मीद कैसे कर सकते हैं, अगर वे पहले स्थान पर भी इसके लिए प्रतिबद्ध नहीं हैं? दुखद सत्य यह है कि इन 'सदस्यों' का केवल एक हिस्सा चुनाव के बाद भी सक्रिय रहता है, यह संसाधनों की बर्बादी है और पार्टी की ईमानदारी के साथ धोखा है।
कांग्रेस सांसद चिदंबरम ने मौजूदा ऑनलाइन नामांकन प्रणाली की आलोचना की। उन्होंने कहा कि इससे पार्टी में और अधिक अलगाव और निराशा बढ़ सकती है। उन्होंने कहा कि मैं सिस्टम में पूरी तरह से बदलाव की सिफारिश करता हूं, जिससे असली, भौतिक नामांकन को प्राथमिकता दी जाए, जहां लोग पार्टी के सिद्धांतों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दिखाते हैं और इसके विकास में योगदान देने के लिए तैयार होते हैं। उन्होंने कहा कि केवल उन्ही लोगों को वोट देने का अधिकार मिलना चाहिए, जो अपनी निष्ठा साबित करते हैं। इससे यह सुनिश्चित होगा कि नेतृत्व के फैसले उन लोगों द्वारा लिए जाएं, जिनकी पार्टी के भविष्य में असली भागीदारी है, न कि एक बिना पहचान वाले ऑनलाइन सदस्य, जिनकी निष्ठा सच्ची नहीं है।
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