तंबाकू कंपनियों की क्रिकेट पर नजर, 41 फीसदी विज्ञापनों में गुटका

हर साल 31 मई को विश्व तंबाकू निषेध दिवस मनाया जाता है। इस मौके पर सामने आए अध्ययन में शोधकर्ताओं ने साल 2023 में भारत की मेजबानी में हुए क्रिकेट विश्वकप का विश्लेषण किया है, जिसमें दिखाए गए सभी विज्ञापनों में से 41.3 फीसदी गुटका के थे। इनमें से 80% उन मैचों में दिखाए गए, जिनमें दक्षिण एशियाई देशों खासतौर पर भारतीय टीम मैदान पर थी।

May 31, 2024 - 06:00
 0  864
तंबाकू कंपनियों की क्रिकेट पर नजर, 41 फीसदी विज्ञापनों में गुटका

नई दिल्ली (आरएनआई) क्रिकेट की आड़ में तंबाकू कंपनियों का कारोबार काफी तेजी से बढ़ रहा है। क्रिकेट मैच के दौरान दिखाए जाने वाले विज्ञापनों में से 41 फीसदी धुआं रहित तंबाकू यानी पान मसाले और गुटके से संबंधित हैं। यह जानकारी भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद के नोएडा स्थित राष्ट्रीय कैंसर निवारण एवं अनुसंधान संस्थान के अध्ययन में सामने आई है, जिसे बीएमजे मेडिकल जर्नल में प्रकाशित किया गया है।

हर साल 31 मई को विश्व तंबाकू निषेध दिवस मनाया जाता है। इस मौके पर सामने आए अध्ययन में शोधकर्ताओं ने साल 2023 में भारत की मेजबानी में हुए क्रिकेट विश्वकप का विश्लेषण किया है, जिसमें दिखाए गए सभी विज्ञापनों में से 41.3 फीसदी गुटका के थे। इनमें से 80% उन मैचों में दिखाए गए, जिनमें दक्षिण एशियाई देशों खासतौर पर भारतीय टीम मैदान पर थी। यह विश्लेषण कुल 17 लाइव मैचों के दौरान करीब 126 घंटे की स्ट्रीमिंग पर किया गया, जिसमें एक मैच औसतन सात घंटे 47 मिनट तक चला। 17 मैच में प्रसारित 1,206 में से 498 विज्ञापन तंबाकू उत्पादों से संबंधित पाए गए।

भारत में करीब 20 करोड़ लोग पान मसाले और गुटके की लत के शिकार हैं। धुआं रहित तंबाकू से सालाना होने वाली मौतों में 80 फीसदी इनकी वजह से होती हैं।

इतना ही नहीं, अपने कारोबार को बढ़ावा देने के लिए तंबाकू निर्माता कंपनियां सालाना 3,700 करोड़ पान मसाले और गुटके के प्रचार पर खर्च कर रही हैं। यह स्थिति तब है जब भारत का सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पाद अधिनियम, 2003  प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष तंबाकू विज्ञापन, प्रचार और प्रयोजन को प्रतिबंधित करता है।

राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्य खुशबू सुंदर ने कहा कि हमें उन गंभीर मुद्दों का सामना करना होगा। कंपनियां भविष्य का ग्राहक आधार बनाने के इरादे से हमारे बच्चों को लक्षित कर रही हैं। लेखिका और स्तंभकार किश्वर देसाई ने कहा कि इस खतरनाक ट्रेंड को रोकने के लिए माता-पिता को सतर्क रहना जरूरी है

सार्वजनिक स्वास्थ्य चिकित्सक और निरवाना के संस्थापक डॉ. पार्थ शर्मा का कहना है कि भारत में तंबाकू उद्योग 4.57 करोड़ से अधिक लोगों को रोजगार देता है और केंद्रीय उत्पाद शुल्क आय में तंबाकू की बिक्री का योगदान 10 फीसदी से अधिक है, लेकिन सरकार को अपने लोगों के स्वास्थ्य को देश में तंबाकू की बिक्री से होने वाले मौद्रिक लाभ से ऊपर रखने की जरूरत है। यह 2017 में तंबाकू से संबंधित बीमारियों और मौतों के कारण देश को हुए 1.70 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक नुकसान का केवल एक अंश है।

पद्म श्री खेल रत्न और अर्जुन पुरस्कार विजेता और मदर्स अगेंस्ट वेपिंग की प्रमुख सदस्य दीपा मलिक का कहना है कि हमारे बच्चे न केवल निकोटीन बल्कि इससे भी अधिक खतरनाक पदार्थों की आजीवन लत का जोखिम उठा रहे हैं।

Follow RNI News Channel on WhatsApp: https://whatsapp.com/channel/0029VaBPp7rK5cD6XB2

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow

RNI News Reportage News International (RNI) is India's growing news website which is an digital platform to news, ideas and content based article. Destination where you can catch latest happenings from all over the globe Enhancing the strength of journalism independent and unbiased.