डॉ. अजय सिंह गिरफ्तार; कमरे में नीट के कई एडमिट कार्ड, ज्ञान विवि के OMR और नोट जले मिले थे
पटना, समस्तीपुर नालंदा, वैशाली... न जानें कहां-कहां पुलिस उसे ढूढ़ रही थी, लेकिन उसकी हिम्मत कि जहां उसके ऊपर घोटाले का सुराग मिला- वहीं मेडिकल काउंसिलिंग कराने के लिए आया हुआ था। पीएमसीएच से ही डॉ. अजय सिंह को गिरफ्तार किया गया है।
पटना (आरएनआई) बिहार के सबसे बड़े मेडिकल कॉलेज अस्पताल- पीएमसीएच के चाणक्य हाॅस्टल में बीते दिनों दूसरे तल्ले पर मेडिकल स्टूडेंट अजय सिंह के रूम में आग लग गई थी। इसके बाद फायर ब्रिगेड के तीन गाड़ियों ने मौके पर पहुंचकर आग पर काबू पाया था। इसी आग को बुझाने के दौरान जब करीब 10-12 लाख के जले हुए नोट के साथ नीट-पीजी के कई एडमिट कार्ड, आर्यभट्ट नॉलेज यूनिवर्सिटी का एमबीबीएस का जला हुआ ओएमआर शीट आदि मिले तो बड़े घोटाले की बात सामने आयी। उसी समय से पुलिस पटना, समस्तीपुर, वैशाली, नालंदा आदि जिलों में उसे तलाश रही थी। लेकिन, हिम्मत देखिए कि वह शख्स गुरुवार को पीएमसीएच में ही काउंसलिंग करवाने के लिए पहुंच गया था। पीएमसीएच के टीओपी प्रभारी ने उसकी गिरफ्तारी की पुष्टि की है।
16 दिन बीत जाने के बाद भी पीएमसीएच के डॉक्टर अजय को पीरबहोर पुलिस गिरफ्तार नहीं कर पा रही थी। डॉक्टर अजय को गिरफ्तार करने के लिए पुलिस ने वैशाली, समस्तीपुर, नालंदा और मुजफ्फरपुर में भी छापेमारी की, हालांकि डॉक्टर अजय वहां नहीं मिला। इधर डॉक्टर अजय ने वकील के जरिए पटना सिविल कोर्ट में बेल के लिए चिरकुट भी फ़ाइल कर दिया। पुलिस ने पटना एम्स के डॉक्टर सहित पीएमसीएच के डॉक्टरों से भी खाली चेक के बारे में पूछताछ की, लेकिन किसी ने संतोषजनक जवाब नहीं दिया है। पटना एसएसपी अवकाश कुमार का सख्त आदेश देख पीरबहोर टीओपी प्रभारी लगातार हर तरफ नजर दौड़ा रहे थे। गुरुवार को पीएमसीएच के हथुआ वार्ड में वह खोजबीन कर ही रहे थे कि सीढ़ी पर डॉ. अजय को देख सीधे दबोच लिया। डॉ. अजय के साथ साथ एमबीबीएस और पीजी के 5 डॉक्टर भी रडार पर हैं। पुलिस अब बाकी को भी दबोचने की तैयारी में है।
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