डॉ. राजेन्द्र प्रसाद का जीवन एक प्रकाश स्तम्भ : स्वामी चिन्मयानन्द
शाहजांहपुर, (आरएनआई) बिहार के छोटे से शहर से भारत के राष्ट्रपति बनने तक की यात्रा जिस समर्पण, दृढ़ता और संकल्प से डॉ॰ राजेन्द्र प्रसाद ने पूरी की वह उन्हें आदर्श के उच्च प्रतिमान पर स्थापित करती है। डॉ॰ राजेन्द्र प्रसाद का जीवन एक प्रकाश स्तम्भ की भाँति है जो आज भी देश के नेतृत्वकर्ताओं का मार्ग प्रकाशित कर रहा है। यह विचार डॉ॰ राजेन्द्र प्रसाद के जन्मदिवस के अवसर पर आयोजित विचार गोष्ठी में बोलते हुए पूर्व केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री स्वामी चिन्मयानन्द सरस्वती ने रखे। स्वामी चिन्मयानन्द ने कहा कि डॉ॰ राजेन्द्र प्रसाद स्वामी शुकदेवानन्द सरस्वती के अत्यन्त निकट थे। वह उनके दर्शन करने परमार्थ आश्रम हरिद्वारा अक्सर आया करते थे। परमार्थ आश्रम तथा मुमुक्षु आश्रम परिवार को डॉ॰ प्रसाद की शुभकामनाएँ सदैव प्राप्त रहीं।
एस॰एस॰ कॉलेज की प्रबंध समिति के सचिव डॉ॰ ए॰के॰ मिश्रा ने कहा कि भारतीय संविधान के निर्माण में भी डॉ॰ राजेन्द्र प्रसाद का महत्वपूर्ण योगदान था। प्राचार्य डॉ॰ आजाद ने कहा कि राष्ट्रपति बनने से पूर्व कृषि और खाद्य मंत्री के रूप में उन्होंने जिस तरह से अपना दायित्व निभाया वह आज भी एक उदाहरण है।
डॉ॰ अनुराग अग्रवाल के संचालन में हुए कार्यक्रम के अन्त में राजनीति विज्ञान के विभागाध्यक्ष डॉ॰ आदित्य सिंह ने सभी का आभार व्यक्त किया। गोष्ठी में डॉ॰ देवेन्द्र सिंह, डॉ॰ कमलेष गौतम, डॉ॰ संतोष प्रताप सिंह, डॉ॰ सचिन खन्ना, डॉ॰ गौरव सक्सेना, डॉ॰ रूपक श्रीवास्तव, दिव्यांश मिश्रा, अपर्णा त्रिपाठी सहित अनेक छात्र-छात्राऐं तथा गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे।
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