डेढ़ साल में सुधारेंगे 50 फीसदी सरकारी अस्पताल, स्वास्थ्य मंत्रालय ने अनिवार्य किया एनक्यूएएस प्रमाणपत्र
केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव अपूर्व चंद्रा ने बताया कि गुणवत्ता प्रमाणन के लिए ऑनलाइन तकनीक का इस्तेमाल करते हुए वर्चुअल दौरा किया जाएगा। फिर इनमें से रैंडम तौर पर 10 फीसदी केंद्रों का चयन होगा और वहां टीम भौतिक दौरा करेगी जो वहां की सभी सेवाओं का मूल्यांकन करेगी।
नई दिल्ली (आरएनआई) केंद्र सरकार ने देश के सभी अस्पतालों में स्वास्थ्य मानक पूरा करने की पहल शुरू की है। इसके तहत प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र से लेकर जिला अस्पताल और आयुष्मान आरोग्य मंदिर तक शामिल होंगे। पहले 1.5 साल यानी दिसंबर 2025 तक 50% अस्पतालों को कवर करने का लक्ष्य रखा है। दिसंबर 2026 तक सभी अस्पतालों के पास गुणवत्ता प्रमाणपत्र होगा।
नई दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में शुक्रवार को आयोजित कार्यक्रम में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने इसकी घोषणा की है। मंत्रालय का कहना है कि राज्यों के साथ मिलकर सरकारी अस्पतालों में गुणवत्ता और इलाज में सुधार लाएंगे। दरअसल, देश में करीब दो लाख से अधिक सरकारी अस्पताल और 1.40 लाख आयुष्मान आरोग्य मंदिर स्थापित हैं। यहां स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने और गुणवत्ता सुधारने के लिए 2007 में पहली बार भारतीय सार्वजनिक स्वास्थ्य मानक लागू किए गए लेकिन अब तक 80 फीसदी से ज्यादा अस्पतालों में यह पूरे नहीं है। दो लाख में से 40,451 अस्पतालों की पड़ताल में 32,362 मानकों पर पूरे तरह से खरे नहीं उतरे है। इसके चलते केंद्र ने राज्यों के साथ मिलकर सभी अस्पतालों के लिए राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक (एनक्यूएएस) को अनिवार्य किया है।
केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव अपूर्व चंद्रा ने बताया कि गुणवत्ता प्रमाणन के लिए ऑनलाइन तकनीक का इस्तेमाल करते हुए वर्चुअल दौरा किया जाएगा। फिर इनमें से रैंडम तौर पर 10 फीसदी केंद्रों का चयन होगा और वहां टीम भौतिक दौरा करेगी जो वहां की सभी सेवाओं का मूल्यांकन करेगी।
उत्तर प्रदेश से लखनऊ स्थित वीरांगना अवंतीबाई जिला अस्पताल की अधीक्षक डॉ. मधु गैरोला ने बताया कि 2015 में पहली बार जब गुणवत्ता और मानकों को लेकर यह प्रक्रिया हमारे सामने आई तब यह मुमकिन नहीं लगता था लेकिन चेकलिस्ट का अनुसरण करते हुए जब पूरी टीम ने प्रयास किए तो 2016 से 2023 तक पूरे राज्य में उनके अस्पताल को पहला स्थान मिला।
मध्य प्रदेश के पाली स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से डॉ. गौरव कुमार जैन ने बताया कि जुलाई 2023 में पहली बार भोपाल में प्रशिक्षण लिया जिसमें गुणवत्ता और मानकों पर ध्यान देने के लिए बताया गया। राज्य और जिला प्रशासन के सहयोग से सबसे पहले हमने स्वच्छता पर काम शुरू किया। सफाई कर्मचारियों की परेशानियों को सुना और फिर समाधान के साथ आगे बढ़े। इसके साथ प्रसूति और एंटीबायोटिक दवाओं पर काम किया।
जम्मू कश्मीर में श्रीनगर सरकारी मेडिकल कॉलेज से आए डॉक्टरों ने बताया कि हजरतबल स्वास्थ्य केंद्र ने कुछ ही महीनों में स्वास्थ्य गुणवत्ता और सभी मानकों को पूरा करते हुए प्रमाण पत्र हासिल किया। यहां इलाज कराने वाले मरीजों के साथ साथ स्वास्थ्य कर्मचारियों की प्रतिक्रिया से बहुत कुछ सीखने को मिला और अब इस केंद्र की प्रतिष्ठा में काफी लाभ हुआ है।
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