डुंगासरा डकैती में पकड़े दो आरोपी, गांव का ही निकाला खबरी, शिवपुरी से आए थे बदमाश
डकैती की रकम बेचने पर हुआ विवाद तो खुद के साथी पर ग्वालियर में करा दी थी लूट की एफआईआर।
गुना (आरएनआई) जिले के म्याना थाना अंतर्गत ग्राम डुंगासरा में लूट-डकैती की सनसनीखेज बारदात का पुलिस ने खुलासा कर दो आरोपी को दबोचकर माल बरामद किया है। दरअसल डुंगासरा के ही अजय धाकड़ की सूचना पर शिवपुरी से आये पांच बदमाशों द्वारा फरियादी महेश शर्मा के घर में डकैती की घटना को अंजाम दिया गया था। घटना के एक साथी द्वारा लूटा गया माल बेचने, दूसरे साथी पवन ओझा को ग्वालियर बुलाया और उससे लूट लिया सारा माल बरामद किया। मामले में आरोपी पवन ओझा द्वारा उक्त माल अपना बताकर अपने ही साथी पर ग्वालियर के जनकगंज थाने में लूट का अपराध दर्ज करा दिया था। बहरहाल डुंगासरा से लूटा गया सारा माल जनकगंज थाने में जप्त हुआ है। उल्लेखनीय है कि 27-28 अगस्त 2024 की मध्य रात में जिले के म्याना थाना क्षेत्रांतर्गत ग्राम डुंगासरा में कुछ अज्ञात बदमाशों द्वारा फरियादी महेश पुत्र स्व. हरिचरण शर्मा निवासी ग्राम डुंगासरा के घर में घुसकर घर में रखी अलमारी तोडक़र सोने-चांदी के जेवर, नगदी, मोबाईल सहित अन्य सामान की चोरी की गई थी। इस घटना पर से ग्याना थाने में अज्ञात आरोपियों के विरुद्ध अपराध क्रमांक 335/24 धारा 331 (4), 305 (ए) बीएनएस के तहत अपराध कायम कर विवेचना में लिया गया था। गुना एसपी संजीव कुमार सिंहा द्वारा चोरी की उपरोक्त घटना को गंभीरता से लेकर घटना की गहन विवेचना करने एवं इस घटना को अंजाम देने वाले अज्ञात आरोपियों कीजल्द से जल्द पतारसी कर उन्हें गिरफ्तार करने तथा चोरी गया माल बरामद करने के तत्काल निर्देश दिए गए थे। निर्देशानुसार एसडीओपी गुना विवेक अष्ठाना के पर्यवेक्षण में म्याना थाना पुलिस द्वारा प्रकरण की गहनता से विवेचना की गई। जांच में घटना के साक्षियों द्वारा अपने कथनों में 27 अगस्त की रात में चार व्यक्तियों के द्वारा उनके घर में घुसकर उन पर कट्टा जैसा हथियार अड़ाकर उनके साथ मारपीट करना एवं हाथ पैर बांधकर घर में रखे सोने चाँदी के जेवर, मोबाईल व नगदी सहित अन्य सामान चोरी कर ले जाना बताया गया। जिनके कथनों के आधार पर प्रकरण में अज्ञात आरोपियों के विरुद्ध लूट, डकैती की धारा 309 (6), 310(2) बीएनएस इजाफा की गई। प्रकरण के अज्ञात आरोपियों की पतारसी हेतु अपने मुखबिर तंत्र को सक्रिय किया साथ ही विभिन्न तकनीकी संसाधनों के माध्यम से अरोपियों की पतारसी के निरंतर प्रयास किये गये। जिसके तहत मुखबिर सूचना एवं अन्य तकनीकी संसाधनों से अजय पुत्र बद्रीप्रसाद धाकड़ निवासी ग्राम डुंगासरा के डकैती की उक्त बारदात में शामिल होने के संदेह पर अजय धाकड़ को विश्वास में लेकर उससे पूछताछ की गई। पूछताछ में उसने पहले तो पुलिस को गुमराह करने की कोशिश की। लेकिन जब उसे उसके इस घटना में शामिल होने के कुछ पुख्ता सबूत दिखाये गये तो वह टूट गया और उसने बताया कि उसके द्वारा घटना दिनांक को डुंगासरा निवासी महेश शर्मा के घर पर अकेली महिलायें होने की सूचना शिवपुरी निवासी पवन ओझा को दी गई थी। उसी रात पवन ओझा अपने अन्य चार साथियों के साथ डुंगासरा आया और उन सभी के द्वारा कार्य योजना बनाकर 27-28 अगस्त की रात में महेश शर्मा के घर में चोरी करना बताया। पुलिस द्वारा प्रकरण में आरोपी अजय पुत्र बद्रीप्रसाद धाकड़ निवासी ग्राम डुंगासरा थाना म्याना जिला गुना को गिरफ्तार किया गया। डकैती की उक्त बारदात में शामिल दूसरे आरोपी पवन ओझा निवासी ग्राम मितलौनी थाना अमोला जिला शिवपुरी की तलाश की गई। 20 सितंबर को उसे भी गिरफ्तार कर लिया गया। जिसने पूछताछ पर बताया कि डुंगासरा गांव के अजय धाकङ के द्वारा उसे सूचना देने पर 27 अगस्त को वह अपने चार साथियों के साथ डुंगासरा आया था। अजय धाकङ द्वारा उन्हें महेश शर्मा का घर बताने व चोरी की कार्य योजना बनाने के बाद उनके द्वारा महेश शर्मा के घर में घुसकर घर में मिली महिलाओं को कट्टा दिखाकर मारपीट करना एवं उनके मुंह हाथ बांध कर अलमारी में रखे सोने- चांदी के जेवर, मोबाईल आदि ले जाकर शिवपुरी में रुकना बताया। बाद चोरी की इस घटना के अपने एक साथी द्वारा डुंगासरा से लूटे हुए माल को बेचने के लिये उसे ग्वालियर बुलाने पर उसके माल लेकर ग्वालियर पहुँचने पर उसके साथी द्वारा ही उससे सारा माल लूट लेना। उसके द्वारा उक्त माल को अपना स्वयं का बताकर ग्वालियर के जनकगंज थाने में अपने साथी पर ही लूट का अपराध दर्ज करा देना और डुंगासरा से लूटे गये संपूर्ण जेवर जनकगंज थाना पुलिस द्वारा जप्त कर लेना बताया। म्याना थाना पुलिस द्वारा जिसकी तस्दीक करने पर घटना सही पाई गई है। प्रकरण में गिरफ्तारशुदा दूसरे आरोपी पवन ओझा को न्यायालय पेश कर प्रकरण में फरार अन्य चार आरोपियों की गिरफ्तारी हेतु उसे पुलिस रिमांड पर लिया गया है। लूट, डकेती की उपरोक्त घटना का खुलासा कर आरोपियों को गिरफ्तार करने में एसडीओपी गुना विवेक अष्ठाना के पर्यवेक्षण में म्याना थाना प्रभारी उपनिरीक्षक गोपाल चौबे, ऊमरी चौकी प्रभारी सउनि महेन्द्र सिंह चौहान, सउनि बासुदेव रावत, प्रधान आरक्षक राजकुमार रघुवंशी, आरक्षक देवेन्द्र जाटव, आरक्षक सुनील यादव, आरक्षक नेपाल तोमर एवं महिला आरक्षक रंजीता जाटव की महत्वपूर्ण भूमिका रही है।
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