डिप्थीरिया से बचाव के लिए जनपद में चल रहा विशेष टीकाकरण अभियान
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हरदोई (आरएनआई) डिप्थीरिया (गलघोंटू) की रोकथाम व बचाव के लिए स्कूल जाने वाले बच्चों को डिप्थीरिया-पर्ट्यूसिस-टिटनेस (डीपीटी) व टिटनेस-डिप्थीरिया (टीडी) का टीका लगाने का विशेष टीकाकरण अभियान बुधवार से शुरू हुआ जो कि 10 नवंबर तक चलेगा । स्कूल आधारित यह विशेष टीकाकरण अभियान जनपद के सभी सरकारी व निजी क्षेत्र के स्कूलों में चलाया जा रहा है । मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. रोहताश कुमार ने बताया कि इस संबंध में शासन द्वारा आवश्यक निर्देश जारी हुए हैं । यह अभियान शिक्षा और स्वास्थ्य विभाग मिलकर चला रहे हैं । टीकाकरण के लिए अभिभावकों से सहमति ली जाएगी। जो अभिभावक सहमति नहीं देंगे उन्हें प्रेरित कर उनके बच्चों का टीकाकरण किया जाएगा । विशेष टीकाकरण अभियान में डीपीटी के टीकाकरण के लिए 19,168 बच्चों तथा टीडी के लिए कुल 30,338 बच्चों के टीकाकरण का लक्ष्य है। टीकाकरण के लिए विद्यालयों में कुल 2970 विशेष सत्र लगाए जाएंगे। जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डा. आर.केसिंह ने बताया कि अभियान के अंतर्गत कक्षा एक में अध्ययनरत पाँच वर्ष तक के बच्चों को डीपीटी सेकेंड बूस्टर डोज, कक्षा पाँच में अध्ययनरत 10 वर्ष तक के बच्चों को टीडी प्रथम डोज़, कक्षा 10 में अध्ययनरत 16 वर्ष तक के बच्चों को टीडी बूस्टर डोज़ से आच्छादित किया जाएगा। अभियान के दौरान पड़ने वाले नियमित टीकाकरण दिवसों (बुधवार व शनिवार) में सभी स्कूल न जाने वाले एवं अन्य डीपीटी सेकेंड बूस्टर, टीडी प्रथम एवं टीडी बूस्टर डोज़ वैक्सीन से छूटे हुये बच्चों को ड्यू टीके से आच्छादित किया जायेगा। हर टीकाकरण सत्र पर एडवर्स ईफ़ेक्ट फॉलोइंग इम्यूनाइजेशन (एईएफ़आई) प्रबंधन के लिए आवश्यक दवाओं की किट की उपलब्धता सुनिश्चित की गयी है । डिप्थीरिया जिसे स्थानीय भाषा में रोहिणी बीमारी भी कहते हैं यह दो से 11 वर्ष आयु के बच्चों में सामान्यतः अधिक होती है। हालांकि यह अन्य लोगों को भी हो सकती है। इसका इनक्यूबेशन पीरियड दो से चार दिन होता है। इससे संक्रमित व्यक्ति को गले व नाक में मोटी व मटमैले रंग की परत छा जाती है। इससे सांस लेने में तकलीफ होती है। साथ ही खराश, बुखार, ठंड लगना व लसिका ग्रन्थि में सूजन और कमजोरी महसूस होती है। बीमारी बढ़ने पर यह गले में टांसिल के रूप दिखाई देती है।
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