टाइगर रिजर्व की ऑनलाइन बुकिंग में 12 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी
महाराष्ट्र के चंद्रपुर जिले में ताडोबा अंधारी टाइगर रिजर्व (टीएटीआर) की ऑनलाइन बुकिंग का ठेका पाने वाली कंपनी चलाने वाले दो भाइयों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शनिवार को बताया कि उसने भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) में कथित बैंक ऋण धोखाधड़ी से जुड़ी जांच के तहत गोवा की एक दुग्ध उत्पाद कंपनी के खिलाफ धन शोधन के आरोपों के तहत आरोपपत्र दायर किया है।
नई दिल्ली। (आरएनआई) महाराष्ट्र के टाइगर रिजर्व के लिए ऑनलाइन बुकिंग करने में 12 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का खुलासा हुआ है। पुलिस के अनुसार महाराष्ट्र के चंद्रपुर जिले में ताडोबा अंधारी टाइगर रिजर्व (टीएटीआर) की ऑनलाइन बुकिंग का ठेका पाने वाली कंपनी चलाने वाले दो भाइयों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। पुलिस ने बताया कि आरोपी अभिषेक विनोद कुमार ठाकुर और रोहित विनोद कुमार ठाकुर चंद्रपुर शहर के रहने वाले हैं और उनके खिलाफ शुक्रवार को रामनगर पुलिस थाने में धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया गया। जिला पुलिस अधीक्षक (एसपी) कार्यालय की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि संभागीय वन अधिकारी सचिन शिंदे ने दोनों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है। दोनों भाइयों की साझेदारी में चल रही चंद्रपुर वाइल्ड कनेक्टिविटी सॉल्यूशन को ऑनलाइन बुकिंग का काम दिया गया था। उन्होंने बताया कि आरोपियों ने समझौते के नियमों और शर्तों का उल्लंघन किया और राशि का गबन कर लिया। पुलिस ने बताया कि आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 420 (धोखाधड़ी) और 406 (आपराधिक विश्वासघात) के तहत मामला दर्ज किया गया है और मामले की जांच जारी है। टीएटीआर को महाराष्ट्र का सबसे बड़ा टाइगर रिजर्व कहा जाता है। चंद्रपुर जिला राज्य के पूर्वी हिस्से में स्थित है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शनिवार को बताया कि उसने भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) में कथित बैंक ऋण धोखाधड़ी से जुड़ी जांच के तहत गोवा की एक दुग्ध उत्पाद कंपनी के खिलाफ धन शोधन के आरोपों के तहत आरोपपत्र दायर किया है। एजेंसी ने एक बयान में कहा कि गनिंदु मिल्क एंड मिल्क प्रोडक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड (जीएमएमपीएल) और सिद्धार्थ समूह की कंपनियों की अन्य संबंधित इकाइयों सहित 27 आरोपियों के खिलाफ अभियोजन शिकायत दायर की गई है। ईडी ने कहा कि मापुसा में धन शोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) की विशेष अदालत ने 17 अगस्त को आरोपपत्र पर संज्ञान लिया। मनी लॉन्ड्रिंग का यह मामला केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की प्राथमिकी से उपजा है। जीएमएमपीएल और इससे जुड़े लोगों ने महाराष्ट्र के सोलापुर में टेट्रा पैक दूध उत्पादन इकाई या अल्ट्रा हीट ट्रीटमेंट प्लांट (यूएचटी) स्थापित करने के उद्देश्य से भारतीय स्टेट बैंक से 15 मार्च 2011 को 34.20 करोड़ रुपये का सावधि ऋण प्राप्त किया था। एजेंसी ने आरोप लगाया, ''जीएमएमपीएल ने यूएचटी मशीनरी की खरीद की आड़ में बेईमानी से 20 करोड़ रुपये के सावधि ऋण को अवैध रूप से अन्य संबंधित कंपनियों के बैंक खातों में डाल दिया। इसी तरह, जीएमएमपीएल ने एसबीआई के साथ नौ साख पत्र (एलसी) खोले और उन्हें मक्खन की आपूर्ति के लिए 19,01,98,670 रुपये की छूट दी गई। ईडी ने कहा कि हालांकि उक्त एलसी राशि का उपयोग मक्खन खरीद के उद्देश्य से नहीं किया गया और इसके बजाय इसे अन्य संबंधित कंपनियों के बैंक खातों में भेज दिया गया। ईडी ने इस जांच के तहत अक्टूबर 2021 में आरोपियों की 39 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति कुर्क की थी।
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