झोलाछाप डॉक्टर और बगैर लाइसेंस धारक दवा दुकानों पर भी हों कार्यवाही!
गुना (आरएनआई) शहर और जिले में झोला छाप डाक्टर बन कर रहे गंभीर रोगों के इलाज कर मरीजों की जान पर दांव लगाने पर कलेक्टर ने संज्ञान लेकर सीएमएचओ को उनकी जांच और उनकी खुली चिकित्सा दुकान बन्द करने के निर्देश सराहनीय हैं।
वही कलेक्टर महोदय से एक निवेदन बुद्धिजीवी वर्ग की ओर हैं, जेसे फर्जी झोला छाप चिकित्सक हैं वैसे ही दवा व्यवसाय में भी फर्जी और अमान्य व्यक्ति एग्रीमेंट के आधार पर मेडिकल स्टोर्स का लाइसेंस किराए पर लेकर,दवा विक्रय कर लोगो के जीवन से खिलवाड़ कर रहें। जबकि मेडिकल कॉन्सिल ऑफ इंडिया के तय मापदंड अनुसार बी_फार्म,एम_फार्म,
डी_फार्मा के लायसेंस पर उनकी मौजूदगी में दवा विक्रय होना चाहिए। वही सहयोगी भी ग्रेजुएट होना चाहिए। बताते हैं कि केमिस्ट एंड ड्रगसिस्ट के नियमो के उल्लंघन पर लायसेंस अविलक्ब निरस्त किया जाता है,ओर संचालन कर्ता को जेल की सजा प्रावधान भी हैं। लेकिन ड्रग इंस्पेक्टर की लापरवाही या सांठ गांठ से 40 प्रतिशत दवाएं दुकान चल रही हैं।
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