'जो आजादी के लिए लड़े ही नहीं, उन्हें इसकी कीमत कैसे पता होगी', भाजपा पर भड़के खरगे

कांग्रेस अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि 'भाजपा, आरक्षण विरोधी है और इसी वजह से वे जातीय जनगणना का विरोध कर रही है। 'आप पंडित नेहरू के नाम पर सभी का अपमान कर रहे हैं। सरदार पटेल, आंबेडकर भी उनके साथ थे।

Dec 16, 2024 - 14:20
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'जो आजादी के लिए लड़े ही नहीं, उन्हें इसकी कीमत कैसे पता होगी', भाजपा पर भड़के खरगे

नई दिल्ली (आरएनआई) कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने सोमवार को राज्यसभा में संविधान पर चर्चा के दौरान केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोला। खरगे ने इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी पर निजी हमले भी किए और कहा कि उन्होंने पिछले 11 साल में संविधान को मजबूत करने के लिए कुछ नहीं किया है। खरगे ने अपने भाषण के दौरान संघ पर भी कड़ा हमला किया।

खरगे ने कहा कि जो लोग देश की आजादी के लिए लड़े ही नहीं, उन्हें देश की आजादी और संविधान की अहमियत कैसे पता होगी? प्रधानमंत्री हमें सिखा रहे हैं और कह रहे हैं कि हम झूठे हैं, लेकिन प्रधानमंत्री खुद एक नंबर के झूठे हैं। उन्होंने कहा था 15 लाख रुपये आएंगे, लेकिन नहीं आए। ये लोग देश को गुमराह कर रहे हैं। प्रधानमंत्री को देश को बताना चाहिए कि बीते 11 साल में उन्होंने संविधान को मजबूत करने के लिए क्या किया। 

खरगे ने सत्ता पक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि 'आप पंडित नेहरू के नाम पर सभी का अपमान कर रहे हैं। सरदार पटेल, आंबेडकर भी उनके साथ थे। पंडित नेहरू ने मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखा था, जिसके बारे में प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में जिक्र किया, लेकिन प्रधानमंत्री ने तथ्यों को तोड़-मरोड़कर पंडित नेहरू को बदनाम किया। इसके लिए उन्हें देश से माफी मांगनी चाहिए। हम इसकी मांग करते हैं।'

कांग्रेस अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि 'भाजपा, आरक्षण विरोधी है और इसी वजह से वे जातीय जनगणना का विरोध कर रही है। प्रधानमंत्री को इस देश की आजादी की लड़ाई के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है।' खरगे ने देश के संविधान की तारीफ करते हुए कहा कि 'जब कई शक्तिशाली देशों में सार्वभौमिक वयस्क मताधिकार नहीं था, महिलाओं को वोट देने का अधिकार नहीं था, उस समय भारत ने सार्वभौमिक वयस्क मताधिकार दिया, महिलाओं को मतदान का अधिकार दिया। ये कांग्रेस ने दिया, संविधान दिया। जबकि आरएसएस, जनसंघ ने इसका विरोध किया था।'

कांग्रेस नेता ने कहा कि 'साल 1949 में संघ के नेताओं ने भारत के संविधान का विरोध किया था क्योंकि ये मनुस्मृति पर आधारित नहीं था। न ही उन्होंने तिरंगे का स्वीकारा था। 26 जनवरी 2002 को पहली बार संघ मुख्यालय पर तिरंगा फहराया गया था क्योंकि अदालत ने ऐसा आदेश दिया था।' बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के हालात पर खरगे ने कहा कि 'हमारी बहादुर नेता इंदिरा गांधी ने पाकिस्तान के दो टुकड़े किए और बांग्लादेश को आजाद कराया। इस देश की शान पूरी दुनिया में फैली। वहां (बांग्लादेश में) जो गड़बड़ी चल रही है, कम से कम इन (बीजेपी) लोगों को अपनी आंखें खोलनी चाहिए और वहां के अल्पसंख्यकों को बचाने की कोशिश करनी चाहिए।' 

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