जॉर्जिया मेलोनी के इटली ने चीन को दिया झटका
2013 में चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की ओर से शुरू किए गए, बीआरआई का उद्देश्य एशिया और यूरोप में अनुमानित 1 ट्रिलियन डॉलर का निवेश था। इस परियोजना के तहत नई और उन्नत रेलवे लाइनों और बंदरगाहों का निर्माण कर चीन को यूरोप और एशिया के अन्य हिस्सों से जोड़ना है।
नई दिल्ली, (आरएनआई) इटली ने चीन के महत्वाकांक्षी बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (बीआरआई) से बाहर निकलने की पुष्टि कर दी है। प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी के प्रशासन ने बीजिंग को सूचित कर दिया है कि बीआरआई से बाहर हो रहा है। इटली 2019 में चीन की सबसे महत्वाकांक्षी व्यापार और बुनियादी ढांचा परियोजनाओं में से एक बीआरआई पर हस्ताक्षर करने वाला एकमात्र प्रमुख पश्चिमी राष्ट्र था। उस समय अमेरिका और अन्य देशों ने इटली के कदम की कड़ी आलोचना की थी।
2013 में चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की ओर से शुरू किए गए, बीआरआई का उद्देश्य एशिया और यूरोप में अनुमानित 1 ट्रिलियन डॉलर का निवेश था। इस परियोजना के तहत नई और उन्नत रेलवे लाइनों और बंदरगाहों का निर्माण कर चीन को यूरोप और एशिया के अन्य हिस्सों से जोड़ना है।
लेकिन बीआरआई की शुरुआत से ही अमेरिका 'कर्ज के जाल में फंसने वाली कूटनीति' के उदाहरण के तौर पर आलोचना करता रहा है. वाशिंगटन का कहना है कि चीन की योजनाओं में ऐसी बड़ी परियोजनाएं शामिल हैं जिन्हें देश वित्त पोषित करने में असमर्थ हैं, जिससे बीजिंग को अपने उद्देश्यों के लिए लाभ मिल रहा है।
बीआरआई पर हस्ताक्षर करने वालों में इटली यूरोपीय संघ के 18 सदस्यों में से सबसे बड़ा था। इटली की बीआरआई सदस्यता अगले साल मार्च में स्वचालित रूप से नवीनीकृत होने वाली थी। इससे पहले ही इटली ने इससे बाहर निकलने की आधिकारिक तौर पर पुष्टि कर दी है। इसस पहले मेलोनी ने बीआरआई में शामिल होने के पूर्व सरकार के फैसले को "एक गंभीर गलती" करार दिया था और संकेत दिया था कि वह इस फैसले को वापस लेने के बारे में सोच रही हैं।
लेकिन उनकी सरकार ने इस बात पर जोर दिया कि वह इस कदम के बावजूद चीन के साथ अच्छे संबंध बनाए रखने की कोशिश कर रही है। 2019 में शी द्वारा इटली में किए गए 20 बिलियन यूरो के निवेश के वादे का केवल एक हिस्सा ही ही पूरा हो पाया है।
इटली से चीन को निर्यात पिछले साल 16.4 अरब यूरो रहा, जबकि 2019 में यह 13 अरब यूरो था। इसके विपरीत, इटली को चीनी निर्यात इसी अवधि में 31.7 बिलियन यूरो से बढ़कर 57.5 बिलियन यूरो हो गया।
चीन यूरोजोन की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं और यूरोपीय संघ के सदस्यों फ्रांस और जर्मनी के साथ कहीं अधिक व्यापार करता है। हालांकि, ये बीआरआई के सदस्य नहीं है। पिछले साल सत्ता में आने के बाद से मेलोनी ने अपने पूर्ववर्तियों की तुलना में अधिक पश्चिमी और नाटो समर्थक विदेश नीति पर जोर दिया है।
मेलोनी का यह कदम यूरोपीय संघ आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन और शी के बीच गुरुवार यानी आज को होने वाली शिखर वार्ता से पहले आया है। बैठक के दौरान, श्रीमती वॉन डेर लेयेन की ओर से यूरोपीय संघ को सौर पैनलों और इलेक्ट्रिक कारों सहित सस्ते सामानों की आपूर्ति पर अंकुश लगाने के लिए चीनी राष्ट्रपति को चेतावनी देने की उम्मीद है।
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