जेपीसी से निलंबित विपक्षी सांसदों ने लोकसभा अध्यक्ष को लिखा पत्र, जगदंबिका पाल पर लगाए कई आरोप
संसद परिसर में वक्फ संशोधन विधेयक 2024 पर हुई जेपीसी की बैठक के दौरान कई सदस्यों को समिति से निलंबित कर दिया गया। उन सभी पर बैठक और समिति की कार्यवाही में बेवजह बाधा डालने का आरोप लगाया था। इस पर टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी ने कहा कि बैठक में अघोषित आपातकाल जैसा माहौल चल रहा है। सभापति इस बैठक को आगे बढ़ा रहे हैं और वह किसी की नहीं सुन रहे हैं।
नई दिल्ली (आरएनआई) वक्फ संशोधन विधेयक 2024 पर संयुक्त संसदीय समिति की बैठक के दौरान हुए बवाल के बाद निलंबित विपक्षी सांसदों ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को पत्र लिखा है। इस दौरान विपक्षी सांसदों ने जेपीसी अध्यक्ष जगदंबिका पाल पर कई आरोप लगाए हैं। लोकसभा अध्यक्ष को लिखे पत्र में विपक्षी सांसदों ने लिखा- '...जब आज सुबह 11 बजे बैठक शुरू हुई, तो हम विपक्षी सदस्यों ने अध्यक्ष की तरफ से कार्यवाही के संचालन के तरीके के खिलाफ अत्यंत सम्मान के साथ अपनी आवाज उठाई।
सांसदों ने आगे लिखा, 'हमने नियमों में निर्धारित उचित प्रक्रिया की अनदेखी करके जेपीसी के एकतरफा और अनुचित तरीके से काम करने पर प्रकाश डाला। यह सम्मानपूर्वक प्रस्तुत किया जाता है कि 24 और 25 तारीख को बैठक के लिए पूर्व में दिए गए नोटिस के बाद से, हम सदस्यों ने 31 तारीख को संसद सत्र शुरू होने के कारण 27 से 30 तारीख तक निर्वाचन क्षेत्र/राज्यों में अपने कार्यक्रम तैयार किए और इस प्रकार 27वीं बैठक को स्थगित करने की प्रार्थना की। जबकि हमने इन उचित दावों को सभ्य तरीके से अध्यक्ष के सामने रखा, उन्होंने जवाब देने का प्रयास भी नहीं किया।'
'चूंकि हम सभी ने अपमानित महसूस किया, इसलिए हम खड़े हुए और अपनी मांगों को सुनने के लिए लोकतांत्रिक तरीके से अपनी आवाज उठाई। इस बीच, अध्यक्ष ने किसी से फोन पर बात की और अचानक और आश्चर्यजनक रूप से, उन्होंने चिल्लाते हुए हमारे निलंबन का आदेश दिया... हितधारकों की तरफ से उठाए गए इन मुद्दों को समग्र रूप से संबोधित करने के लिए जेपीसी की तरफ से एक व्यापक अध्ययन की आवश्यकता है। इन परिस्थितियों में जेपीसी की कार्यवाही को बिना सोचे समझे आगे बढ़ाना, छुपे हुए द्वेष से भरी एक पहेली के अलावा और कुछ नहीं है।
पत्र में लिखा गया है कि, 'हमारा मानना है कि जेपीसी के अध्यक्ष के पास समिति के सदस्यों को निलंबित करने का अधिकार नहीं है। इसलिए यह प्रार्थना की जाती है कि जेपीसी के अध्यक्ष को कार्यवाही को पारदर्शी और निष्पक्ष तरीके से संचालित करने का निर्देश दिया जाए। अध्यक्ष को 27वीं बैठक स्थगित कर देनी चाहिए ताकि विपक्षी सदस्यों को नियमों और प्रक्रिया से हटकर अपनी दलीलें/दावे रखने के लिए पर्याप्त समय और अवसर मिल सके, ताकि संसद का लोकतंत्र सुनिश्चित हो सके, जिस पर राष्ट्र को अभी भी भरोसा है।'
जेपीसी की बैठक में हुए हंगामे के बाद वक्फ संशोधन विधेयक 2024 पर संयुक्त संसदीय समिति की से सभी 10 विपक्षी सांसदों को दिनभर के लिए निलंबित कर दिया गया। निलंबित विपक्षी सांसदों में कल्याण बनर्जी, मोहम्मद जावेद, ए राजा, असदुद्दीन ओवैसी, नासिर हुसैन, मोहिबुल्लाह, एम अब्दुल्ला, अरविंद सावंत, नदीमुल हक, इमरान मसूद शामिल हैं।
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