'जेपीसी जांच की मांग सही साबित हुई', अमेरिका में अदाणी पर लगे आरोपों को लेकर कांग्रेस

अमेरिकी अभियोजकों ने इस मामले में गौतम अदाणी के अलावा उनके भतीजे सागर और कुछ अन्य लोगों को आरोपी बनाया है। अमेरिकी कोर्ट में दाखिल दस्तावेजों के मुताबिक, इन लोगों पर 2020 से 2024 के बीच भारत सरकार के अफसरों को 25 करोड़ रुपये की घूस देने/पेशकश करने का आरोप है। 

Nov 21, 2024 - 11:05
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'जेपीसी जांच की मांग सही साबित हुई', अमेरिका में अदाणी पर लगे आरोपों को लेकर कांग्रेस

नई दिल्ली (आरएनआई) अरबपति कारोबारी गौतम अदाणी की मुश्किलें बढ़ गई हैं। उन पर अमेरिका में घूस देने और धोखाधड़ी का आरोप लगा है। इसे लेकर अमेरिका के ब्रुकलिन में अदालत में केस भी दायर किया गया है। अब इस पूरे मामले को लेकर कांग्रेस ने कहा है कि उसकी संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) जांच की मांग सही साबित हुई है। कांग्रेस ने अदाणी समूह पर घोटाले का आरोप लगाया है और साथ ही इसकी जांच को लेकर भारत के शेयर बाजार नियामक- सेबी को भी घेरा है।

अमेरिकी अभियोजकों ने अदाणी पर सोलर पावर कॉन्ट्रैक्ट पाने के लिए भारतीय अधिकारियों को घूस देने से जुड़ी तैयारियों का आरोप लगाया है। बताया गया है कि मनमुताबिक कॉन्ट्रैक्ट हासिल करने के लिए अदाणी ने कथित तौर पर 25 करोड़ डॉलर की घूस दी थीं या देने की तैयारियां की थीं।

अमेरिकी अभियोजकों ने इस मामले में गौतम अदाणी के अलावा उनके भतीजे सागर और कुछ अन्य लोगों को आरोपी बनाया है। अमेरिकी कोर्ट में दाखिल दस्तावेजों के मुताबिक, इन लोगों पर 2020 से 2024 के बीच भारत सरकार के अफसरों को 25 करोड़ रुपये की घूस देने/पेशकश करने का आरोप है। इसके जरिए वह मनमानी शर्तों पर सोलर ऊर्जा से जुड़े कॉन्ट्रैक्ट पाना चाहते थे, जिनसे दो अरब डॉलर से ज्यादा का फायदा मिलने की उम्मीद थी। 

यह बात अमेरिकी बैंकों और निवेशकों से छिपाई गई, जिनसे दाणी समूह ने परियोजना के लिए अरबों डॉलर जुटाए थे। अमेरिकी कानून विदेशी भ्रष्टाचार के आरोपों पर कार्रवाई करने की अनुमति देता है, यदि उनका संबंध अमेरिकी निवेशकों या बाजारों से हो।

कांग्रेस के महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि अमेरिका के सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन (USSEC) की अदाणी के खिलाफ की गई कार्रवाई से भारत में उसके समकक्ष सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड (सेबी) के काम करने के तरीकों पर भी सवाल खड़े होते हैं। उन्होंने अदाणी समूह के कानूनों के उल्लंघन और उसके निवेश, शेल कंपनियों की जांच को लेकर सेबी पर सवाल उठाए।

रमेश ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि अमेरिकी सिक्योरिटी एंड एक्सचेंज कमीशन के इन आरोपों से यह साबित हो गया है कि कांग्रेस की 2023 में ही उठाई गई जेपीसी जांच की मांग सही थी। कांग्रेस महासचिव ने कहा कि कांग्रेस ने 'हम अदाणी के हैं सीरीज के जरिए इन घोटालों को लेकर खुलासे किए थे। उनके जवाब हमें अब तक नहीं मिले हैं।'

उन्होंने कहा कि कांग्रेस अदाणी समूह के लेनदेन को लेकर जेपीसी जांच की मांग करती है। उन्होंने कहा कि भारत में कई अहम क्षेत्रों में अदाणी समूह का बढ़ता एकाधिकार महंगाई बढ़ा रहा है और हमारे लिए विदेश नीति से जुड़ी बड़ी चुनौतियां पेश कर रहा है। खासकर हमारे पड़ोस में।

जयराम रमेश ने दावा किया कि अब न्यूयॉर्क के पूर्वी जिले के अमेरिकी अटॉर्नी कार्यालय की तरफ से गौतम अदाणी, सागर अदाणी और अन्य लोगों के खिलाफ लगाए गए गंभीर आरोप से अदाणी की आपराधिक गतिविधियों के बारे में चौंकाने वाली जानकारियां सामने आई हैं। इसमें आरोप लगाया गया है कि कई मौकों पर, गौतम अदाणी ने रिश्वत की स्कीम को आगे बढ़ाने के लिए व्यक्तिगत रूप से भारत सरकार के एक अधिकारी से मुलाकात की और इसका इलेक्ट्रॉनिक और सेलुलर फोन सबूत होने का दावा किया गया है।

रमेश ने कहा, ‘‘तथ्य यह है कि अदाणी की सही जांच करने के लिए विदेशी अधिकार क्षेत्र का सहारा लिया गया है, इससे पता चलता है कि कैसे भारतीय संस्थानों पर भाजपा ने कब्जा कर लिया है और कैसे लालची और सत्ता के भूखे नेताओं ने दशकों के संस्थागत विकास को बर्बाद कर दिया है।’

उन्होंने कहा कि इस खुलासे के बाद सेबी की नाकामी भी एक बार फिर से सामने आती है। रमेश ने जोर देते हुए कहा, ‘‘आगे का सही रास्ता यही है कि अदाणी महाघोटाले में प्रतिभूति कानून के उल्लंघनों की जांच को पूरा करने के लिए एक नए और विश्वसनीय सेबी प्रमुख को नियुक्त किया जाए। साथ ही मामले की पूरी जांच के लिए तुरंत एक जेपीसी का गठन किया जाए।

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