जेके ग्रामीण बैंक के पूर्व प्रबंधक के ठिकानों पर ईडी का छापा
इस कार्रवाई में दस्तावेज और डिजिटल उपकरण जब्त किए गए हैं। ईडी ने पूर्व शाखा प्रबंधक इस्तियाक अहमद पर्रे और अन्य के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया है।
श्रीनगर (आरएनआई) प्रवर्तन निदेशालय ने कथित बैंक धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में जम्मू-कश्मीर ग्रामीण बैंक के पूर्व शाखा प्रबंधक और उनके सहयोगियों को श्रीनगर व पट्टन में पांच ठिकानों पर छापा मारा है। इस कार्रवाई में दस्तावेज और डिजिटल उपकरण जब्त किए गए हैं। ईडी ने पूर्व शाखा प्रबंधक इस्तियाक अहमद पर्रे और अन्य के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया है।
ईडी ने केंद्रीय जांच एजेंसी (सीबीआई) की ओर से दायर आरोप पत्र के आधार पर सोमवार को कार्रवाई शुरू की थी। सीबीआई का आरोप है कि इस्तियाक अहमद ने बैंक कॉरेस्पॉंडेंट मोहम्मद मकबूल गनी, मंजूर अहमद डार, मुश्ताक हुसैन वानी, शब्बीर अहमद डार, शब्बीर अहमद भट जैसे कई व्यक्तियों के साथ मिलीभगत कर इस फर्जीवाड़े को अंजाम दिया।
जांच एजेंसी ने आरोप लगाया कि निसार अहमद डार और अन्य ने फर्जी या गैर-मौजूदा ग्राहकों को धोखाधड़ी से किसान नकद क्रेडिट ऋण (केसीसी), कार ऋण, संयुक्त देयता समूह (जेएलजी), और नकद क्रेडिट सीमा (सीसी) मंजूर कर दिए। कुल 250 फर्जी ऋण खाते थे, जो बाद में गैर-निष्पादित संपत्ति (एनपीए) निकले। इससे 8.36 करोड़ रुपये की राशि का गवन हुआ। ये ऋण 2014 से 2018 के बीच मंजूर किए गए थे।
ईडी ने कहा कि ऋण के रूप में प्राप्त अधिकांश धनराशि या तो आरोपियों या आरोपियों के रिश्तेदारों को हस्तांतरित की गई थी, जहां से ज्यादातर नकदी निकाल ली गई थी। एजेंसी ने दावा किया कि ऋण ज्यादातर फर्जी दस्तावेजों के आधार पर स्वीकृत किए गए थे और जिन व्यक्तियों के नाम पर ऋण स्वीकृत किए गए थे, वे मौजूद ही नहीं थे। तलाशी के दौरान खाते की किताबें और डिजिटल उपकरणों सहित दस्तावेज जब्त किए गए।
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