जूनियर डॉक्टर की हत्या के बाद हरकत में बंगाल सरकार
वित्त राज्य मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य ने कहा कि बाल यौन शोषण से जुड़े मामलों को जल्द निपटाने के लिए कदम उठाया गया है। राज्य में पहले से ही 62 पॉक्सो कोर्ट हैं। राज्य सचिवालय में हुई कैबिनेट बैठक की अध्यक्षता मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने की।
कोलकाता (आरएनआई) कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में जूनियर डॉक्टर की हत्या के बाद हुए विरोध प्रदर्शनों से पश्चिम बंगाल सरकार हिल गई है। बंगाल कैबिनेट ने मंगलवार को राज्य में पांच और विशेष पॉक्सो अदालतें स्थापित करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी। अब राज्य में कुल अदालतों की संख्या 67 हो गई है। वित्त राज्य मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य ने कहा कि बाल यौन शोषण से जुड़े मामलों को जल्द निपटाने के लिए कदम उठाया गया है। राज्य सचिवालय में हुई कैबिनेट बैठक की अध्यक्षता मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने की। बैठक के बाद चंद्रिमा भट्टाचार्य ने कहा कि राज्य में पहले से ही 62 पॉक्सो कोर्ट हैं।
उन्होंने कहा कि न्यायिक विभाग की ओर से पांच और विशेष POCSO अदालतें स्थापित करने का प्रस्ताव दिया गया था। कैबिनेट ने इसे मंजूरी दे दी। हमारे पास छह ई-POCSO अदालतों सहित 62 ऐसी अदालतें हैं। इससे हमें बाल दुर्व्यवहार के मामलों को शीघ्रता से निपटाने में मदद मिलेगी। सूत्रों ने बताया कि बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि सीएम के अलावा कोई अन्य मंत्री आरजी कर मुद्दे के संबंध में मीडिया में कोई बयान नहीं देगा।
केंद्रीय महिला और बाल विकास मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने महिलाओं और लड़कियों के लिए महत्वपूर्ण सुरक्षा उपायों को लागू करने में कथित विफलता के लिए पश्चिम बंगाल सरकार पर निशाना साधा था। उन्होंने कहा था कि पश्चिम बंगाल में दुष्कर्म और यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण कानून (पॉक्सो) के 48,600 मामले लंबित हैं। इसके बावजूद राज्य ने शेष 11 विशेष त्वरित अदालतें शुरू करने के लिए अब तक कोई कदम नहीं उठाया।
अक्तूबर 2019 में शुरू की गई विशेष त्वरित अदालतों से जुड़ी योजना, दुष्कर्म और पॉक्सो से संबंधित लंबित मामलों की सुनवाई और निपटारे में तेजी लाने के लिए तैयार की गई थी। इस योजना के तहत, केंद्र सरकार ने पश्चिम बंगाल को 123 ऐसी अदालतों की स्थापना के लिए कहा था, जिनमें 20 विशेष पॉक्सो अदालतें और दुष्कर्म व पॉक्सो दोनों मामलों के लिए 103 संयुक्त अदालतें शामिल हैं।
मंत्री का कहना है कि जून, 2023 के मध्य तक इनमें से कोई भी अदालत चालू नहीं हुई थी। देवी ने बताया कि जून, 2023 में सात एफटीएससी शुरू करने की राज्य सरकार की प्रतिबद्धता के बावजूद, 30 जून, 2024 तक केवल छह विशिष्ट पॉक्सो अदालतें ही चल रही थीं।
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