जीतू पटवारी ने रोजगार को लेकर सरकार से किए सवाल, सीएम मोहन यादव से पूछा ‘नौकरी देने की मोदी गारंटी का क्या हुआ’
भोपाल (आरएनआई) कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष जीतू पटवारी लगातार प्रदेश सरकार से अलग अलग मुद्दों को लेकर सवाल कर रहे हैं। एक बार फिर उन्होने रोज़गार और नौकरी का मुद्दा उठाया है। पटवारी ने पूछा है कि मध्य प्रदेश में युवाओं को नौकरी देने की ‘मोदी गारंटी’ का क्या हुआ। उन्होने कहा कि अब युवाओं को झूठे वादे नहीं, तत्काल नौकरी चाहिए।
जीतू पटवारी ने सीएम मोहन यादव से किए सवाल
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए जीतू पटवारी ने कहा है कि ‘देश में नौकरियों की तस्वीर चिंताजनक है। 4 साल में निजी क्षेत्र में नई नौकरियों में सालाना 3.1% की ही ग्रोथ आई, जबकि GDP ग्रोथ रेट 4.5% के आसपास थी! प्री-कोविड की तुलना में 2,975 कंपनियों में से 49.44% में 8.2 लाख रोजगार घट गए हैं! • 14 सेक्टर की कंपनियों में नौकरियां सबसे ज्यादा घटी हैं। इसमें मुख्य रूप से शामिल हैं टेलीकॉम, ऑटोमोबाइल व एंसीलरी सेक्टर्स! कोविड के पहले इनमें 7.06 लाख नौकरियां थीं, जो 34.13% घटकर 4.65 लाख ही बची हैं। मतलब सालाना गिरावट 8.35% रही! • बैंक ऑफ बड़ौदा की रिसर्च रिपोर्ट बताती है कि देश के कॉर्पोरेट सेक्टर में 81.2 लाख कर्मचारी हैं! एक साल में 3.9 लाख ही नई नौकरियां आईं! जबकि रोजगार चाह रही बड़ी आबादी को देखते हुए बेहद कम है। • यदि पुराने आंकड़ों को देखा जाए तो 2022 में 4.9 लाख को नौकरियां मिली थीं. यानी इस साल रोजगार के अवसर पिछले साल की तुलना में 20% तक कम हुए हैं! लेकिन, भाजपा इस सच को सुनना/समझना ही नहीं चाहती!
सीएम मोहन यादव जी, रामचरित मानस की एक चौपाई है. “कर्म प्रधान विश्व रचि राखा, जो जस करहि सो तस फल चाखा”. गोस्वामी तुलसीदास जी कह रहे हैं यह जगत कर्म प्रधान है, जो व्यक्ति जैसा करता है, उसे वैसे ही फल की प्राप्ति होती है! इसलिए, अब कर्म कीजिए, युवाओं को नौकरी दीजिए! आपको शपथ लिए 42 दिन हो गए! मप्र के युवाओं को नौकरी देने की “मोदी गारंटी” का क्या हुआ? अव्वल तो नौकरियां मिल नहीं रहीं, यदि सरकारी क्षेत्र में संभावना बनती भी है, तो भर्ती घोटाले के कारण निर्णय नहीं हो पाता! युवाओं को झूठे आश्वासन नहीं, तत्काल नौकरी चाहिए!
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