जीजा से जीती साली, चाचा ने भतीजी को हराया
राजस्थान, (आरएनआई) चाचा विधायक हैं हमारे, ये कहते हुए कई भतीजों को आपने सुना होगा, लेकिन राजस्थान विधानसभा चुनाव 2023 के सियासी मैदान में भतीजे और भतीजियों ने चाचा से मुकाबला किया। इसके अलावा पति-पत्नी, जीजा-साली, भाई-भाई, और पिता-पुत्री ने भी एक दूसरे को टक्कर दी। करीब 47 दिन चले इस सियासी गृहयुद्ध के परिणाम सामने आ रहे हैं।
सीकर जिले की दातांरामगढ़ सीट पर कांग्रेस से मौजूदा विधायक वीरेंद्र सिंह चुनाव लड़े। वहीं, जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) से उनकी पत्नी डॉ. रीटा सिंह ने उन्हें टक्कर दी थी। वह जेजेपी की महिला मोर्चा की अध्यक्ष भी हैं।
अलवर जिले की इस सीट से भाजपा से जयराम जाटव चुनावी मैदान में उतरे थे। उनकी बेटी मीना कुमारी ने निर्दलीय चुनाव लड़ा। जयराम इस सीट से दो बार विधायक रह चुके हैं।
धौलपुर जिले की इस सीट से कांग्रेस के टिकट पर शोभारानी कुशवाह ने चुनाव लड़ा। शिवचरण कुशवाह भाजपा के टिकट पर मैदान में उतरे। ये दोनों रिश्ते में जीजा साली लगते हैं।
चूरू जिले की इस सीट पर भाजपा से संजीव बेनीवाल ने चुनाव लड़ा। वहीं, कांग्रेस से उनके भतीजे अजीत बेनीवाल मैदान में उतरे थे। संजीव भाजपा से दो बार विधायक रह चुके हैं।
झुंझुनू जिले की इस सीट पर भाजपा से धर्मपाल गुर्जर ने चुनाव लड़ा। कांग्रेस से मनीषा गुर्जर ने उन्हें टक्कर दी थी। दोनों रिश्ते में चाचा और भतीजी लगते हैं।
नागौर जिले की इस सीट पर मिर्धा परिवार के दो सदस्यों में मुकाबला हुआ था। पूर्व सांसद ज्योति मिर्धा ने भाजपा से चुनाव लड़ा। वहीं, उनके चाचा हरेंद्र मिर्धा कांग्रेस से चुनावी मैदान में थे।
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