जी-7 देशों ने आपूर्ति श्रृंखला मजबूत करने का लिया संकल्प
जरूरी खनिज आपूर्ति को लेकर बढ़ रहीं चिंताएं विकसित राष्ट्रों के बीच कंप्यूटर चिप के साथ-साथ लिथियम जैसे जरूरी खनिज की आपूर्ति बरकरार रखने को लेकर चिंताएं लगातार बढ़ रही हैं। इन दिनों विद्युत वाहनों व हरित ऊर्जा के लिए ये चीजें बहुत जरूरी हो गई हैं।
टोक्यो, (आरएनआई) जी-7 सदस्य देशों के व्यापार एवं आर्थिक मामलों के अधिकारियों ने रविवार को वैश्विक अनिश्चितताओं के बावजूद ऊर्जा व खाद्य जैसी जरूरी चीजों की आपूर्ति श्रृंखला को मजबूत बनाने का संकल्प लिया। संयुक्त बयान में अधिकारियों ने कहा, सदस्य देशों ने अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने, उसे सुरक्षा प्रदान करने तथा कानूनी नियमों के आधार पर मुक्त व निष्पक्ष व्यापार प्रणाली बनाए रखने का वादा किया।
जापान के पश्चिमी शहर ओसाका में दो दिवसीय सम्मेलन की सहमेजबानी करने वाली विदेश मंत्री योको कामीकावा ने रूस-यूक्रेन तथा इस्राइल-हमास युद्ध को ऊर्जा व खाद्य आपूर्ति के लिए नया खतरा बताया। बैठक के बाद लोकतंत्र, समावेश व मानवाधिकार पर जोर देते हुए उन्होंने कहा, हम सदस्य राष्ट्र बढ़ती अनिश्चितताओं के बीच जिम्मेदारियों के महत्वपूर्ण मूल्यों को साझा करते हैं।
जरूरी खनिज आपूर्ति को लेकर बढ़ रहीं चिंताएं विकसित राष्ट्रों के बीच कंप्यूटर चिप के साथ-साथ लिथियम जैसे जरूरी खनिज की आपूर्ति बरकरार रखने को लेकर चिंताएं लगातार बढ़ रही हैं। इन दिनों विद्युत वाहनों व हरित ऊर्जा के लिए ये चीजें बहुत जरूरी हो गई हैं। जी-7 देशों में अमेरिका, कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान और ब्रिटेन हैं। बैठक में यूरोपीय संघ, ऑस्ट्रेलिया, चिली, भारत, इंडोनेशिया व केन्या को भी आमंत्रित किया गया था।
वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने अमेरिका की व्यापार प्रतिनिधि कैथरीन ताई के साथ बैठक में विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) में सुधार पर जोर दिया। उन्होंने 13वें मंत्री स्तरीय सम्मेलन की महत्ता व अगले द्विपक्षीय व्यापार नीति मंच (टीपीएफ) की बैठक की तारीख तय करने पर चर्चा की। दोनों नेताओं की मुलाकात जी-7 के व्यापार मंत्रियों की बैठक से पहले शनिवार को जापान के ओसाका में हुई।
अमेरिका व्यापार प्रतिनिधि (यूएसटीआर) की तरफ से जारी एक बयान के अनुसार, ताई ने इस मंत्री स्तरीय बैठक के दौरान प्रमुख विषयों पर सार्थक प्रगति को आगे बढ़ाने में मदद संबंधी अमेरिका की इच्छा व्यक्त की। इसमें सभी की जरूरतों को पूरा करने के लिए डब्ल्यूटीओ में सुधार भी शामिल है। ताई ने हिंद-प्रशांत अर्थिक रूपरेखा बातचीत पर नवीनतम जानकारी साझा की और आगामी हफ्ते में सार्थक परिणाम देने की आवश्यकता पर भी जोर दिया।
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