जिले में संचालित समस्त वाहन धुलाई सेन्टरों को प्रतिबंधित करने संबंधी आदेश जारी

गुना (आरएनआई) विभिन्न मीडिया स्त्रोतों, समाचार पत्रों एवं जन-सामान्य के माध्यम से यह तथ्य संज्ञान में आया है कि रोड की साईड पर व अन्य स्थानों पर स्थापित वाहन धुलाई केन्द्रों पर वाहनों की धुलाई की जा रही है, जिससे पानी का अपव्यय हो रहा हैं। नगरीय क्षेत्रों में पेयजल व्यवस्था ट्यूबबेलों पर आधारित है एवं वर्तमान में नलकूपों का जल स्तर कम हो जाने के फलस्वरूप पेयजल संकट उत्पन्न हो गया है। वाहनों की धुलाई में पानी का अधिक अपव्यय होता है तथा वह नलकूपों से पानी निकालकर उपयोग करते हैं, ग्रीष्म ऋतु में पानी की कमी की समस्या को दृष्टिगत रखते हुये वाहन धुलाई केन्द्रों को प्रतिबंधित किया जाना अति-आवश्यक हैं।
मध्यप्रदेश पेयजल परिरक्षण अधिनियम 1986 की धारा 3 (1) के अन्तर्गत कोई भी व्यक्ति कलेक्टर की अनुज्ञा के बिना जल अभाव ग्रस्त क्षेत्र में किसी भी जल स्त्रोत से सिंचन या औद्योगिक प्रयोजल के लिये या घरेलू प्रयोजल को छोडकर किसी अन्य प्रयोजल के लिये किन्ही भी साधनों द्वारा जल नहीं लेगा। चूंकि गुना जिले को पूर्व में जल अभाव ग्रस्त क्षेत्र घोषित किया गया है।
इसे दृष्टिगत रखते हुए कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट किशोर कुमार कन्याल द्वारा मध्यप्रदेश पेयजल परिरक्षण अधिनियम 1986 की धारा 3(1) एवं भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा 163 के अंतर्गत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए गुना जिले में संचालित समस्त वाहन धुलाई सेन्टरों को प्रतिबंधित करने संबंधी आदेश जारी किये गये हैं। उक्त आदेश का उल्लंघन करने की दशा में संबंधित के विरुद्ध भारतीय न्याय संहिता 2023 की धारा 223 तथा अन्य सुसंगत अधिनियमों के अंतर्गत दण्डात्मक कार्यवाही की जावेगी। यह आदेश गुना जिले की संपूर्ण राजस्व सीमा क्षेत्रातर्गत समस्त व्यक्तियों पर प्रभावशील होगा। उक्त आदेश तत्काल प्रभाव से दिनांक 08 अप्रैल 2025 से 07 जून 2025 तक की अवधि के लिए प्रभावशील रहेगा।
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