जिलाधिकारी ने अपनाया शिकायत निस्तारण में लापरवाही को लेकर कड़ा रूख
हरदोई ( आरएनआई)जन सुनवाई की नई व्यवस्थाओं के परिणाम अब धरातल पर दिखाई देने लगे हैं। सीएम डैशबोर्ड की जारी नवीनतम रैकिंग में जनपद ने आईजीआरएस के माध्यम से प्राप्त शिकायतों के निस्तारण में पूरे प्रदेश में सातवां व मण्डल में प्रथम स्थान प्राप्त किया है। यह गौरवपूर्ण उपलब्धि इस बात का द्योतक है कि नई शिकायत निस्तारण व्यवस्था में शिकायतों के निस्तारण की गुणवत्ता में व्यापक सुधार हुआ है। आम जन का संतुष्टि स्तर भी बढ़ा है। शिकायत निस्तारण की नई प्रणाली के प्रति आम जनता ने अधिक जुड़ाव महसूस किया है। राजस्व, ग्राम्य विकास, नगर विकास व पंचायती राज विभाग के जिला, तहसील व ब्लॉक स्तरीय अधिकारी प्रातः 10 बजे से से 12 बजे तक नियमित रूप से कार्यालय में लोगों की समस्याओ को सुनकर उनका निस्तारण करते हैं। जन सुनवाई के दौरान सभी अधिकारी वर्चुअल माध्यम से जिलाधिकारी के जन सुनवाई कक्ष से जुड़े रहते हैं। जिलाधिकारी के कार्यालय में यदि कोई व्यक्ति अपनी समस्या लेकर आता है तो वे वर्चुअल माध्यम से ही आवश्यकतानुसार शिकायतकर्ता का सामना सम्बंधित अधिकारी से करवा देते हैं। इस प्रक्रिया से शिकायत के त्वरित निस्तारण में आसानी रहती है। नई शिकायत निस्तारण प्रक्रिया में जन सुनवाई हेतु आने वाले शिकायतकर्ताओं को एक पर्ची दी जाती है जिस पर एक शिकायत क्रमांक लिखा होता है।यह पर्ची शिकायतकर्ता के पास शिकायत का एक प्रमाण होती है। आईजीआरएस के माध्यम से असंतोषजनक फीडबैक की संख्या में काफ़ी गिरावट आयी है। जिलाधिकारी स्वयं पांच शिकायतों की निस्तारण आख्या पढ़ते हैं। वह शिकायतकर्ताओं को फ़ोन कर उनकी संतुष्टि या असंतुष्टि के बारे में जानते हैं। जन शिकायतों के निस्तारण व पदीय दायित्वों के निर्वहन में लापरवाही को लेकर भी जिलाधिकारी ने सख्त रूख अपनाया है। हाल ही में एक जीवित व्यक्ति को मृतक के रूप में दर्ज करने पर उन्होंने प्रधान व सचिव के विरुद्ध एफआईआर दर्ज करायी है। उन्होंने सम्बंधित अधिकारियों को स्पष्ट सन्देश दे रखा है कि जन शिकायतों के निस्तारण में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
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