जिला मजिस्ट्रेट ने कुएं, बोरवेल/ट्यूबवेल खोदने के संबंध में निर्देश जारी किए
(सुरेश रहेजा,परवीन कुमार,चंद्र मोहन,साहिल रहेजा)

फरीदकोट (आरएनआई) जिला मजिस्ट्रेट फरीदकोट मैडम पूनमदीप कौर आईएएस। सिविल सेवा आयोग ने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 की धारा 163 के तहत निहित शक्तियों के तहत जिले में कुओं, बोरवेल/ट्यूबवेलों की खुदाई/मरम्मत के संबंध में निर्देश जारी किए हैं। जिसमें शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में कच्चे कुओं और बोरवेल/ट्यूबवेलों में गिरने से लोगों और बच्चों के कारण होने वाले जान-माल के नुकसान से बचने और आम जनता की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए माननीय सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों के तहत पंजाब सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पालन करने को कहा गया है।
आदेशों के अनुसार, फरीदकोट जिले की सीमा के भीतर कुआं/बोर खोदने से पहले भूमि मालिक को जिला कलेक्टर, संबंधित सरपंच, ग्राम पंचायत, नगर परिषद, जनस्वास्थ्य विभाग, भूमि संरक्षण विभाग को 15 दिन पहले सूचित करना होगा। कुओं/बोरवेलों की खुदाई या मरम्मत में लगी सभी एजेंसियों जैसे सरकारी/अर्ध-सरकारी/निजी आदि को पंजीकृत होना चाहिए। जिस स्थान पर कुआं/बोरवेल खोदा जा रहा है या उसकी मरम्मत की जा रही है, वहां ड्रिलिंग एजेंसी और कुएं के मालिक का पूरा पता लिखा हुआ एक साइट बोर्ड लगाया जाना चाहिए तथा उस साइनबोर्ड पर ड्रिलिंग एजेंसी का पंजीकरण नंबर भी लिखा होना चाहिए। बोरवेल को कांटेदार तार से घेरा जाएगा और नट और बोल्ट के साथ स्टील प्लेट कवर से ढका जाएगा और कुएं/बोरहोल कवर को नट और बोल्ट के साथ आवरण पाइप पर लगाया जाना चाहिए। बोरवेल के चारों ओर जमीन से 0.30 मीटर ऊपर तथा जमीन से 0.30 मीटर नीचे सीमेंट/कंक्रीट का प्लेटफार्म बनाया जाना चाहिए। कुआं/बोरवेल की खुदाई या मरम्मत के बाद, यदि कोई खाली स्थान हो तो उसे मिट्टी से भर दिया जाना चाहिए/खाली बोरवेल/कुएं को ऊपर तक मिट्टी/रेत से भर दिया जाना चाहिए तथा मरम्मत कार्य पूरा होने के बाद, जमीन के स्तर को उसके मूल स्तर पर बहाल कर दिया जाना चाहिए। किसी भी परिस्थिति में कुआं/बोरवेल को खुला नहीं छोड़ा जाना चाहिए। किसी उपेक्षित कुएं को नीचे से ऊपर तक बारीक मिट्टी, पत्थर, कंक्रीट आदि से भरकर बंद कर देना चाहिए। कोई भी व्यक्ति जल आपूर्ति एवं स्वच्छता विभाग की लिखित स्वीकृति एवं पर्यवेक्षण के बिना कुआं/बोरवेल नहीं खोदेगा या उसकी मरम्मत नहीं करेगा। ग्रामीण क्षेत्रों में सरपंच व कृषि विभाग के अधिकारी तथा शहरी क्षेत्रों में जनस्वास्थ्य विभाग, भूमि संरक्षण विभाग, कनिष्ठ अभियंता व नगर परिषदों के कार्यकारी अधिकारी अपने-अपने अधिकृत क्षेत्रों की मासिक रिपोर्ट तैयार करेंगे, जिसमें यह बताया जाएगा कि उनके क्षेत्र में कितने बोरवेल/कुएं आदि नए खोदे गए, उनकी मरम्मत की गई, कितने उपयोग में हैं तथा कितने भरे गए। ये विभाग अपने-अपने क्षेत्रों की उक्त रिपोर्ट की एक प्रति अपने कार्यालयों में रिकार्ड के रूप में रखेंगे तथा इसकी एक प्रति हर महीने अतिरिक्त डिप्टी कमिश्नर (विकास), फरीदकोट को भेजी जाएगी। वे इस संबंध में पूर्ण रिकार्ड रखेंगे। यह आदेश 18 जून 2025 तक प्रभावी रहेगा।
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